शुक्रवार, 22 अप्रैल 2016

फिल्म "फ्रेड्रिक " के कलाकार,तकनीशियन और कहानी

प्रस्तुतकर्ता - इवाना इंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटिड 
निर्माता - मनीष कलारिया 
निर्देशक - राजेश बुटालिया 
संगीतकार - संजय बोस 
कहानी,पटकथा ,संवाद - राजेश बुटालिया 
कार्यकारी निर्माता - मेहर हक़ 
एडिटर - संदीप सिंह बजेली 
कलाकार - प्रशांत नारायण 
नया चेहरा - तुलना बुटालिया और अविनाश ध्यानी 
मार्केटिंग - वाइब्स मल्टी इंटरटेनमेंट 
पीआरओ - द्वापर प्रमोटर्स हिमांशु झुनझुनवाला 
आर्ट डायरेक्टर - दिनेश शिंदे 
ऐक्शन - विक्रम दहिया 
सिनेमाटोग्रफर्स - अनुभव बंसल,देवेन्द्र गोलतकर और हरीश नेगी 
कास्टिंग डायरेक्टर - हैरी परमार 
कोरिओग्रफर्स - अरविन्द ठाकुर और करिश्मा चौहाण 
गीतकार - राजेश बुटालिया,सावेरी वर्मा और दीक्षा ज्योति 
सिंगर्स - शान,सुनिधि चौहान ,केके,रिमी धर ,दीपाली साठे और रयान विकटर 
शूटिंग स्थल - मुंबई और मसूरी 
फिल्म की कहानी १६ साल के लड़के मानव से शुरू होती है जो हम सब की तरह ही है लेकिन उसमे और आम युवाओं में थोड़ा सा फर्क है।उसके पास आश्चर्यचकित कर देने वाली ताकत है और वह दिमाग का बड़ा तेज है। लेकिन दुसरे लड़कों से उसका व्यव्हार और वर्ताव अलग है। दुनिया में सिर्फ एक ही आदमी है जो उसे पूरी तरह समझता है उसका नाम है फ्रेड्रिक जिसके साथ वह अपने दिल और रूह की गहराई तक कनेक्टेड महसूस करता है। मानव के पिता इन दोनों की दोस्ती को स्वीकार नहीं करते और वह इसके विरुद्ध हैं। एक दिन एक दुर्भाग्य हो जाता है मानव का सिर्फ वही एक दोस्त फ्रेड्रिक उसके पिता के ज़रिये क़त्ल हो जाता है और जिसके बाद मानव अपने पिता की हत्या कर जाता है। और इसके बाद वह घर छोड़ देता है ऐसी शक्ति बनाने के लिए ऐसी दुनिया बनाने के लिए जो केवल उसकी हो जहाँ केवल उसके नियम चलते हों। 
19 साल बाद .. 
मसूरी की बर्फीली पहाड़ियों और सुंदर घाटियों में एक अंजान साये ने मानव तस्करी का एक जाल बिछा रखा है। जिसके बारे में कोई नहीं जानता न ही उसे किसी ने देखा है। उसका सिर्फ नाम लोगों को पता है फ्रेड्रिक। एक सस्पेंडेड आईबी एजेंट विक्रम अपनी पत्नी अमृता के साथ एक स्पेशल मिशन पर मसूरी आता है जो जान बुझ कर इस जाल में फंसना चाहता है। आम टूरिस्ट की तरह घूमते हुए यह लोग कुछ लोगों के करीब आते हैं और उनके साथ एक प्राइवेट पार्टी में जाते हैं। जहाँ विक्रम ड्रग्स में उलझा दिया जाता है और अमृता का अपरहण हो जाता है। जब विक्रम को होश आता है तो वह  अपने आसपास किसी को नहीं पाता। उसके पास सिर्फ एक लड़की का फोटो होता है। कुछ खतरनाक एनकाउंटर्स के बाद वह अपने मस्तिष्क में स्पष्ट करता है कि यह लड़की कोई और नहीं उसकी लापता बहन शिखा है। विक्रम और अमृता उसे ढूंढने आए थे। अमृता के पास एक ट्रैकिंग डिवाइस रहता है जो विक्रम की घडी से जुड़ा है। इसके बाद शिखा की तलाश का सिलसिला शुरू होता है। जहाँ जहाँ विक्रम जाता है फ्रेड्रिक उसपर नज़र रखता है। विक्रम ट्रैकिंग डिवाइस की मदद से अमृता को ढूंढने की कोशिश करता है। क्या उनकी योजना सफल होती है?कई तरह के सवाल उठते हैं जैसे फ्रेड्रिक क्यों विक्रम पर नज़र रखता है?वह क्यों विक्रम में इतनी रूचि रखता है?वह अपनी पत्नी और बहन की तलाश के दौरान जो भी सुराग पाता है उनसब का संबंध फ्रेड्रिक से निकलता है। लेकिन क्या वह फ्रेड्रिक के बारे में पता करने में कामयाब होता है कि वह कौन है और कहाँ रहता है?अगर फ्रेड्रिक उस की हत्या करना चाहता है तो वह बहुत आसानी से कर सकता है तब क्या चीज़ है जो उसे ऐसा करने से रोकती है?स्टोरी उस वक्त हैरत भरा मोड़ लेती है जब विक्रम को पता चलता है कि दरअसल फ्रेडरिक उसे मारना नहीं चाहता। वह अब और ज़्यादा कन्फ्यूज़्ड हो जाता है। सारी पहेलियां और राज़ से उस वक्त पर्दा उठता है जब विक्रम का सामना फ्रेड्रिक से होता है तो एक कल्पना से परे रहस्य का भी सामना होता है। इन तमाम रहस्यों और पहेलियों के बीच इस रोचक कहानी का अंत एक दर्दनाक मोड़ पर होता है। 

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