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शनिवार, 19 अगस्त 2017

शाहरुख़ खान ने पहले भी भरपाई की है वितरकों के नुकसान की !

सलमान खान की फिल्म ट्यूबलाइट बॉक्स ऑफिस पर मुंह के बल गिरी।  सलमान खान पर वितरकों की तरफ से उनके नुकसान की भरपाई करने का दबाव पड़ा।  सलमान खान को फिल्म ट्यूबलाइट से वितरकों को हुए ६५ करोड़ के नुकसान के आधे यानि ३२.५० करोड़ की भरपाई करनी पड़ी।  इसके साथ ही शाहरुख़ खान दबाव में आ गए।  उन पर जब हैरी मेट सेजल के वितरकों द्वारा सलमान खान की तरह नुकसान की भरपाई का दबाव पड़ने लगा है।  वितरकों ने शाहरुख़ खान की फिल्म जब हैरी मेट सेजल को ८० करोड़ में खरीदा था।  लेकिन, यह फिल्म रिलीज़ के पहले ही दिन से औंधे मुंह जा गिरी।  वितरकों को इस फिल्म के लिए भी बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है।  इस लिए वह शाहरुख़ खान पर नुकसान साझा करने का दबाव डाल रहे हैं।  
बड़े सितारे भारी नुकसान 
यह साल फिल्म वितरकों पर भारी  पड़ रहा है।  अमूमन वितरक बड़े सितारों की फिल्मों को खरीदने के लिए मुंह मांगी रकम देते हैं।  खान अभिनेताओं का बॉक्स ऑफिस पर जलवा रहता है।  इनकी फिल्मों के वीकेंड ही फिल्म को १०० करोड़ क्लब तक पहुंचा देते हैं।  इसीलिए, फिल्म वितरक नरेंद्र हीरावत के एनएच स्टूडियोज ने सलमान खान की फिल्म ट्यूबलाइट की असफलता के बावजूद शाहरुख़ खान की फिल्म  जब हैरी मेट सेजल को ८० करोड़ मे आल इंडिया रिलीज़ करने के अधिकार खरीद लिए थे।  परन्तु, खान ब्रांड बॉक्स ऑफिस पर पिट गया।  इससे पहले फिल्म वितरकों को तीन बड़ी फिल्मो हृथिक रोशन की फिल्म मोहन जोदड़ो से हुए भारी नुकसान के अलावा शाहिद कपूर की फिल्म रंगून और रणबीर कपूर की फिल्म जग्गा जासूस से भी ५७-५७ करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है।  
क्या है प्रॉफिट शेयरिंग ?
बॉलीवुड के बड़े सितारों की फीस भारी होती है।  सलमान खान आम तौर पर अपनी फिल्म के लिए ७० करोड़ लेते हैं।  लेकिन, फिल्म सुल्तान को सलमान खान ने प्रॉफिट बेसिस पर साइन किया।  सुल्तान ने वर्ल्डवाइड ६०० करोड़ का बिज़नेस किया है।  इसके परिणामस्वरुप वह फीस के तौर पर ७० करोड़ के बजाय ११०-१५० करोड़ तक ले जायेंगे।  सलमान खान की तरह दूसरे खान शाहरुख़ खान और अक्षय कुमार बाजार पर अपनी पकड़ को भांप कर प्रॉफिट में ५०% से लेकर ८०% तक की शेयरिंग करते हैं।  आमिर खान अपनी फीस की पूरी रकम प्रॉफिट से ही लेते हैं।  
नया ट्रेंड नहीं 
फिल्मों की फीस के तौर पर प्रॉफिट शेयरिंग का फार्मूला आज का नहीं। अस्सी के दशक में, अमिताभ बच्चन बॉक्स ऑफिस पर अपनी फिल्मों की सफलता को देखते हुए, टेरिटरीज यानि वितरण क्षेत्र के अधिकार लेने लगे थे।  इसके लिए वह मुंबई, पंजाब और राजस्थान के उपजाऊ फिल्म वितरण क्षेत्र को बतौर फीस अपने लिए सुरक्षित करवा लेते थे।  यह तरीका फिल्म निर्माताओं के लिए फायदेमंद भी है।  इससे उनकी फिल्म की लागत कम हो जाती है। आप इसे ऐसी समझ लीजिये कि अगर किसी खान की फिल्म की निर्माण लागत ४० करोड़ है तो उसकी ५० करोड़ की फीस शामिल कर लें तो फिल्म का बजट ९० करोड़ हो जाता है।  ऐसे में जब सितारे प्रॉफिट शेयरिंग करते हैं तो फिल्म की लागत ९० के बजाय ४० करोड़ ही रह जाती है।  कम लागत वाली फिल्म का फायदा या नुकसान भी काम ही होता है।  
दक्षिण का अलग ट्रेंड !
दक्षिण में ट्रेंड दूसरा है।  दक्षिण के शीर्ष के सितारों चिरंजीवी, पवन कल्याण, महेश बाबू, अल्लू अर्जुन,  प्रभाष, जूनियर एनटीआर, राम चरण, नागार्जुन, बालाकृष्ण, वेंकटेश, रवि तेजा तथा अन्य की फिल्मो के निर्माता अपनी फिल्मों को अपनी फिल्मों की लागत वितरकों से अग्रिम भुगतान द्वारा ले लेते हैं।  इस प्रकार से फिल्म निर्माता सुरक्षित हो जाते हैं, लेकिन, वितरकों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।  इसी साल पवन कल्याण की फिल्म सरदार गब्बर सिंह अरु कटमारायुडू, महेश बाबू की फिल्म ब्रह्मोसतवम और राम चरण की फिल्म ब्रूस ली बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी थी।  इस बड़ी असफल के बावजूद फिल्म के निर्माता घाटे में नहीं थे।  लेकिन,  वितरकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। उन्हें फिल्म निर्माताओं से अगली फिल्म में फायदा हो जायेगा का आश्वासन ज़रूर मिला।  
रजनीकांत ने भी उठाया नुकसान
केवल साउथ के एक्टर रजनीकांत ही ऐसे एक्टर हैं, जो अपने वितरकों के नुकसान की भरपाई करते हैं।२०१४ में रजनीकांत की फिल्म लिंगा बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से असफल हुई थी। इस फिल्म के कारण लिंगा के प्रदर्शकों तक को नुकसान हुआ था। रजनीकांत ने इस घाटे की भरपाई करने का निर्णय लिया। उन्होंने अपने वितरकों और प्रदर्शकों में अपनी फिल्म के प्रति विश्वास बनाने के लिए खुद से नुकसान की भरपाई का निर्णय लिया।  उन्होंने अपने वितरकों और प्रदर्शकों को उनके नुकसान की तिहाई रकम वापस कर दी।  सूत्र बताते हैं कि यह रकम कोई १० करोड़ के आसपास थी।  
शाहरुख़ खान ने पहले भी वापस किया है नुकसान !
शाहरुख़ खान की फिल्म के वितरक और प्रदर्शक नुकसान की भरपाई चाहते ज़रूर है।  लेकिन, वह ज़्यादा चिंतित नहीं है।  उन्हें विश्वास है कि शाहरुख़ खान उनके  नुकसान की भरपाई करेंगे।  वास्तविकता को तय है कि बतौर फिल्म निर्माता शाहरुख़ खान अपने वितरकों के नुकसान की भरपाई करते रहे हैं।  शाहरुख़ खान ने २००१ में फिल्म अशोका के वितरक इरोस को और २००५ में पहेली के वितरक यूटीवी को हुए नुकसान की भरपाई की थी।  बॉक्स ऑफिस पर अशोका  के खराब प्रदर्शन का नतीजा था कि शाहरुख़ खान की २००३ में रिलीज़ फिल्म चलते चलते कम कीमत पर बिकी थी।  पहेली की असफलता के बाद शाहरुख़ खान ने अपने घाटा खाने वाले वितरकों को पहला मौका दिया कि वह ओम शांति ओम को खरीदना चाहते हैं या नहीं ! २०१५ में भी शाहरुख़ खान ने फिल्म दिलवाले से हुए नुकसान की भरपाई के लिए वितरकों को २५ करोड़ दिए थे।  जहाँ तक जब हैरी मेट सेजल से हुए घाटे का सवाल है, शाहरुख़ खान ऐसे किसी क्लॉज़ से बंधे नहीं है।  इसके बावजूद वितरक चाहते हैं कि शाहरुख़ खान उनके नुकसान की भरपाई करें।
सबसे विश्वसनीय अक्षय कुमार
अक्षय कुमार की फिल्मों की लागत भारी नहीं होती।  अब तो वह अपनी फिल्मों से बतौर निर्माता भी जुड़ने लगे हैं।  उन्होंने पिछले १९ महीनों में एयरलिफ्ट, हाउसफुल ३, रुस्तम, जॉली एलएलबी २ और टॉयलेट एक प्रेम कथा जैसी हिट फ़िल्में दे दी हैं।  ट्रेड से जुड़े लोगों का अनुमान है कि ३० करोड़ में बनी बड़ा मुनाफा देने जा रही है।  यह फिल्म अब तक ८५ करोड़ के आसपास का बिज़नेस कर चुकी है।  जब तक लेख प्रकाशित होगा टॉयलेट एक प्रेम कथा १०० करोड़ क्लब में शामिल हो जाएगी।  अक्षय कुमार की दूसरी सौ करोड़ क्लब वाली फिल्म में ६० करोड़ की रुस्तम का बॉक्स ऑफिस पर १२७ करोड़ का लाइफ टाइम कलेक्शन, ३५ करोड़ की जॉली एलएलबी २ का ११७ करोड़ और ३५ करोड़ की ही एयरलिफ्ट का १२९ करोड़ का लाइफ टाइम कलेक्शन बॉक्स ऑफिस पर अक्षय कुमार की सफलता का पैमाना है। इस लिहाज़ से आमिर खान भी गजिनी के बाद से लगातार फायदे वाली फ़िल्में देते रहे हैं।
कैसे बदल रहा है गणित !
दक्षिण की फिल्म बाहुबली २ ने बॉक्स ऑफिस पर १५०० करोड़ से ज़्यादा का कलेक्शन कर लिया है। अभी चीनी बाजार बाकी है।  कई जगहों पर यह फिल्म आज भी चल रही है। अक्षय कुमार बॉक्स ऑफिस पर विश्वसनीय साबित हो ही रहे हैं।  ऐसे में रजनीकांत की विज्ञान फंतासी रोबो २ या २.० के निर्माता धर्म संकट में हैं। इस फिल्म के निर्माण में ४५० करोड़ खर्च हो चुके हैं। इतने बड़े बजट की फिल्म को लेकर निर्माताओं के पास दो रास्ते हैं। वह इस फिल्म को वितरकों को बेच कर पहले ही मुनाफा बटोर लें या परसेंट के आधार पर फिल्म खुद से रिलीज़ करें। इस फिल्म में अक्षय कुमार की खल भूमिका ने फिल्म निर्माताओं का संकट ज़्यादा गहरा दिया है। 

रविवार, 13 अगस्त 2017

रियल लाइफ को रील लाइफ में उतारने वाले अभिनेता अक्षय कुमार

अक्षय कुमार ताइक्वांडो में ब्लैक बेल्ट हैं।  उन्होंने बैंकाक से मार्शल आर्ट्स सीख रखी हैं।  वह इस युद्ध कला के निपुण बॉलीवुड एक्टर माने जाते हैं।  अपनी शुरूआती फिल्मों दीदार, सौगंध तथा खिलाड़ी सीरीज की फिल्मों में उन्होंने इस कला का जम कर प्रदर्शन किया और दर्शकों की वाहवाही लूटी।  अपने खतरनाक और दिलेर एक्शन दृश्यों के कारण वह एक्शन के खिताब से भी नवाज़े गए हैं।  अपने इस रियल आर्ट्स का रील पर प्रदर्शन करने वाले अक्षय कुमार अब लगातार रील लाइफ में रियल लाइफ को उतारने में लगे हैं।  यह इत्तफ़ाक़ ही है कि उनकी ११ अगस्त को रिलीज़ होने जा रही फिल्म टॉयलेट एक प्रेम कथा भारतीय प्रधान मंत्री के भारत स्वच्छता अभियान से जुड़ गई है।  लेकिन, इसमें कोई शक नहीं कि यह रियल प्रॉब्लम हैं।  गाँवों में यह समस्या तो सुरसा की तरह मुंह खोले खडी ही है, शहरों मे भी इसकी ख़ास ज़रुरत है।  वैसे रियल लाइफ में ऐसे कई उदाहरण हैं, जिनमे गाँव में टॉयलेट न होने के कारण दुल्हन ने घर छोड़ दिया। टॉयलेट एकलौती रियल लाइफ पर रील लाइफ नहीं।  अक्षय कुमार रियल लाइफ को रील में उतारने के माहिर हैं।  पहले और बाद में रिलीज़ उनकी फिल्मे इसका प्रमाण भी हैं।
कानून को आईना दिखाया !
अक्षय कुमार ने इस साल की शुरुआत सीक्वल फिल्म जॉली एलएलबी २ से की थी।  लखनऊ शहर की पृष्ठभूमि पर आधारित निर्देशक सुभाष कपूर की कोर्ट ड्रामा जॉली एलएलबी की खासियत थी कि यह देश की न्याय व्यवस्था पर तीखा व्यंग्य करती थी।  वकील किस प्रकार से कानूनी धाराओं का दुरुपयोग करते हैं।  किस प्रकार से  तारीख़ पे तारीख़ का खेल खेलते हैं। न्याय व्यस्था को भीड़ तंत्र से नियंत्रित करने की कोशिश करते हैं। फिल्म में इस सबको बेहद साफगोई से प्रदर्शित किया गया था।  लेखक सुभाष कपूर की तारीफ़ करनी होगी कि उन्होंने अक्षय कुमार के साथ भी वकील जॉली के किरदार को लाउड नहीं होने दिया।  उन्होंने पटकथा पर पकड़ बनाये रखते हुए कानून के छेद तो दिखाए ही, पुलिस के निकम्मेपन और कश्मीर के हालात पर भी एक चोट मार दी।  दर्शकों ने फिल्म से खुद को जुड़ा हुआ महसूस किया।  तभी तो ३० करोड़ में बनी जॉली एलएलबी २ ने बॉक्स ऑफिस पर १९७ करोड़ का ग्रॉस कर लिया।
प्रवासी भारतीयों को 'एयरलिफ्ट' कराने वाले
२०१६ में अक्षय कुमार ने दो रियल लाइफ किरदारों वाली फ़िल्में की।  इन फिल्मों को मोटे तौर पर बायोपिक फ़िल्में भी कहा जा सकता है।  इराक ने १९९० में कुवैत पर हमला कर दिया था।  उस समय कुवैत में १,७०,००० भारतीय फंस गए थे।  स्थिति दिनों दिन खराब होती जा रही थी।  इराकी सैनिक लूटपाट खून खराबा कर रहे थे।  ऐसे समय में एक कुवैती हिंदुस्तानी रंजीत कत्याल आगे आया।  उसने इन भारतीयों के रहने और खाने का प्रबंध किया ही, उन्हें कुवैत से बाहर भी निकाल ले गया।  इसमें उसके ईराक़ के साथ सम्बन्ध भी काम आये।  एयरलिफ्ट का रंजीत कत्याल का करैक्टर रियल लाइफ के एक कुवैती भारतीय बिजनेसमैन मथुन्नी मैथ्यूज का रील करैक्टर था।  इस फिल्म के कुछ दूसरे करैक्टर भी रियल लाइफ थे।  इसी साल अक्षय कुमार दूसरी बार रियल लाइफ किरदार की भूमिका में नज़र आये।  फिल्म थी रुस्तम।  यह फिल्म पचास के दशक की मुंबई में घटी एक  सनसनीखेज वारदात, जिसमे एक नेवी अफसर अपने व्यवसाई  मित्र की हत्या कर देता है, क्योंकि व्यवसाई के उसकी पत्नी से अवैध सम्बन्ध थे । इस हत्याकांड ने न्याय व्यवस्था पर ऐसा असर डाला था कि तत्कालीन प्रचलित जूरी व्यवस्था को ही ख़त्म कर दिया गया।  इस हत्याकांड पर  निर्माता निर्देशक और अभिनेता सुनील दत्त ने एक फिल्म यह रास्ते हैं प्यार के (१९६३) का निर्माण किया था।  लेकिन फिल्म असफल हुई थी।  मगर, अक्षय कुमार की फिल्म रुस्तम  ने न केवल ६५ करोड़ के बजट के ऐवज में निर्माताओं को २१६ करोड़ वापस लौटाए, बल्कि अक्षय कुमार के श्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार भी दिलाया।
स्पेशल २६ से शुरुआत !
अक्षय कुमार की रियल लाइफ पर फिल्मों का सिलसिला २०१३ से शुरू हुआ, जब उन्होंने १७८७ की मशहूर ओपेरा हाउस डकैती पर फिल्म स्पेशल २६ की।  इस डकैती में २६ लोग नकली इनकम टैक्स अफसर और कर्मचारी बन कर हीरा व्यापारियों को लूट ले जाते हैं, वह भी पुलिस और सीबीआई को चैलेंज के साथ।  इस फिल्म का मास्टरमाइंड का केंद्रीय किरदार अक्षय कुमार कर रहे थे। हर घटना का बारीक विश्लेषण और प्रदर्शन करने वाली नीरज गुप्ता की इस फिल्म ने दर्शकों को मोहित कर दिया।  २०१३ में प्रदर्शिदूसरी रियल लाइफ किरदार  फिल्म वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई दोबारा में अक्षय कुमार ने गैंगस्टर और मुंबई बम ब्लास्ट के आरोपी दाऊद इब्राहिम के रील लाइफ किरदार शोएब खान का किरदार किया था।  लेकिन, यह फिल्म फ्लॉप हुई थी।
कुछ दूसरी रील में रियल लाइफ फ़िल्में
ज़रूरी नहीं कि अक्षय कुमार की फिल्मों के किरदार रियल  हो।  ऎसी तमाम फ़िल्में हैं, जिनमे मुख्य किरदार रियल नहीं था।  लेकिन घटनाएं रियल लाइफ थी।  मसलन गब्बर इज बैक को ही लीजिये।  यह फिल्म देश में फैले भ्रष्टाचार पर प्रहार करती थी।  अक्षय कुमार का किरदार भ्रष्ट लोगों को सरेआम दंड दिया करता है।  बेबी के किरदार भी एनआईए या एसटीएफ से प्रेरित थे।  अक्षय कुमार की २००९ में रिलीज़ फिल्म चांदनी चौक टू चाइना, हालाँकि एक काल्पनिक कथा थी, लेकिन इसमें अक्षय कुमार वाला किरदार खुद अक्षय कुमार की रियल लाइफ कहानी से प्रेरित था।  अक्षय कुमार भी दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में काम करते हुए बैंकाक गए थे।  एक अन्य फिल्म पटियाला हाउस  में अक्षय कुमार का सिख युवा गट्टू का किरदार रियल लाइफ के क्रिकेटर मोंटी पनेसर पर आधारित था।  एक प्रेस वार्ता में अक्षय कुमार ने इसे स्वीकार भी किया था।
रियल लाइफ पर फिल्मों का हिट होना ज़रूरी नहीं।  ऐसी फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर बहुत ज़्यादा रिस्पांस नहीं मिलता, अगर इसमें स्टार पावर नहीं है तो।  ऐसे में अक्षय कुमार की फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर सफलता अक्षय कुमार का उत्साह बढ़ाने वाली है।  वह कहते हैं, "बॉक्स ऑफिस पर आंकड़ों के लिहाज़ से इस प्रकार की फ़िल्में उत्साहित नहीं करती।  लेकिन, एयरलिफ्ट ने मुझे प्रेरित किया है कि मैं कुछ और ऎसी फ़िल्में करूँ । क्योंकि, एयरलिफ्ट को बॉक्स ऑफिस पर सफलता भी मिली और प्रशंसा भी।" टॉयलेट एक प्रेमकथा के बाद उनकी कोई रियल या रील लाइफ फिल्म रिलीज़ नहीं होगी।  लेकिन, अगले साल फिर अक्षय कुमार की रियल लाइफ फिल्मों का सिलसिला शुरू हो जायेगा।  पहले रिलीज़ होगी पैडमैन।  गरीब महिलाओं में पीरियड्स के दौरान होने वाली गन्दगी को ध्यान में रखते हुए सस्ते पैड बनाने वाले मशीन की ईज़ाद करने वाले अरुणाचलम मुरुगनंथम पर केंद्रित हैं  पैडमैन।  इस फिल्म में अरुणाचलम का किरदार अक्षय कुमार कर रहे हैं।  फिल्म के निर्देशक आर बल्कि हैं।  दूसरी, रीमा कागती की फिल्म गोल्ड १९४८ के ओलंपिक्स में हॉकी का गोल्ड लाने वाली भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ी बलबीर सिंह पर फिल्म में अक्षय कुमार बलबीर सिंह के किरदार में होंगे।  यह फिल्म अगले साल १५ अगस्त को रिलीज़ होगी।  हो सकता है कि उस समय तक दर्शकों को अक्षय कुमार की दूसरी रियल लाइफ चरक्टेरों में अक्षय कुमार क फिल्मों के नाम सुनाने को मिल जाएँ।


बुधवार, 28 जून 2017

क्या बनेगी ईशान और जाह्नवी जोड़ी ?

बॉलीवुड के गलियारों में खबर गर्म है कि एक्टर शाहिद कपूर का सौतेला भाई ईशान खट्टर और श्रीदेवी की बड़ी बेटी जाह्नवी कपूर जोड़ी बनाने जा रहे हैं। इन दोनों की यह जोड़ी करण जौहर के बैनर धर्मा प्रोडक्शन्स के तहत बनने वाली हॉलीवुड की २०१४ में रिलीज़ रोमांटिक ड्रामा फिल्म फाल्ट इन अवर स्टार्स के हिंदी रीमेक से बनेगी। इस फिल्म का निर्देशन शशांक खेतान करेंगे। इससे पहले यह खबर भी थी कि जाह्नवी कपूर का डेब्यू मराठी फिल्म सैराट के हिंदी रीमेक से होगा। करण जौहर अपनी हॉलीवुड रीमेक फिल्म के लिए पहले दीपिका पादुकोण-सुशांत सिंह राजपूत और आलिया भट्ट-आदित्य रॉय कपूर की जोड़ियों पर राय मशविरा कर चुके हैं। इस लिहाज़ से ईशान और जाह्नवी की जोड़ी बनना दिलचस्प खबर जैसा है। खबर यह भी है कि फिल्म की शूटिंग शुरू करने से पहले ईशान और जाह्नवी एक साथ काफी समय बिता रहे हैं, ताकि आपसी समझ पैदा हो सके। इस जोड़े की साथ तस्वीरे गॉसिप कॉलम में गर्मागर्म खबरों के साथ छप भी चुकी हैं।  ईशान खट्टर ईरानी फिल्मकार माजिद मजीदी की फिल्म बियॉन्ड द क्लाउड्स की शूटिंग पूरी कर चुके हैं। हॉलीवुड रीमेक के निर्देशक आशीष खेतान ने हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया और बद्रीनाथ की दुल्हनिया जैसी हिट दुल्हनिया फ़िल्में बनाई हैं। क्या वह जाह्नवी को ईशान की हिट दुल्हनिया बना पाएंगे ? 

बुधवार, 7 जून 2017

बड़े सितारों का पुनर्जन्म से 'राब्ता'

दिनेश विजन की बतौर निर्देशक पहली फिल्म राब्ता पुनर्जन्म पर है।  वर्तमान युग के शिव और सायरा के अटूट प्रेम के बीच में सायरा का पूर्व जन्म का प्रेमी ज़ाकिर आ जाता है ।  इस भूमिका को जिम सरब कर रहे हैं।  फिल्म के पुनर्जन्म में कॉस्ट्यूम ड्रामा है।  तलवारबाज़ी है। सायरा का किरदार कृति सेनन ने किया है।  सुशांत सिंह राजपूत शिव बने हैं। पिछले दिनों इस फिल्म के जारी फर्स्ट लुक में अभिनेता राजकुमार राव एक चार सौ साल के बूढ़े के किरदार में नज़र आ रहे थे। फिल्म में दीपिका पादुकोण का राब्ता आइटम भी है।  
बड़ी स्टार कास्ट का पुनर्जन्म 
राब्ता की बात की जाए तो फिल्म की स्टार कास्ट बहुत बड़ी नज़र नहीं आती।  सिर्फ दीपिका पादुकोण की बड़ी अभिनेत्री है, लेकिन वह भी आइटम सांग तक सीमित हैं।  जबकि वास्तविकता तो यह है कि पुनर्जन्म पर बनी फ़िल्में बड़े सितारों को बेहद रास आता है।  अशोक कुमार और मधुबाला फिल्म महल में, दिलीप कुमार और वैजयंतीमाला फिल्म मधुमति में, सुनील दत्त, नूतन, प्राण और जमुना फिल्म मिलन में, राजकुमार, वहीदा रहमान और मनोज कुमार फिल्म नील कमल में, राजेश खन्ना और हेमा मालिनी फिल्म महबूबा में, ऋषि कपूर, टीना मुनीम, प्राण, सिमी ग्रेवाल और राज किरण फिल्म क़र्ज़ में, शाहरुख़ खान, सलमान खान, काजोल और राखी फिल्म करण अर्जुन में तथा दीपिका पादुकोण के साथ शाहरुख़ खान फिल्म ओम  शांति ओम  में पुनर्जन्म  ले चुके हैं।
बॉलीवुड की पहली पुनर्जन्म फिल्म महल
दिलीप कुमार और मधुबाला अभिनीत और १९४९ में रिलीज़ फिल्म महल बॉलीवुड की पहली पुनर्जन्म फिल्म थी। यह पुनर्जन्म पर आधारित पहली थ्रिलर फिल्म थी। इस फिल्म का निर्माण बॉम्बे टॉकीज ने किया था। इस फिल्म से कमाल अमरोही का बतौर निर्देशक डेब्यू हो रहा था। इससे पहले वह जेलर, पुकार, फूल और शाहजहाँ जैसी फिल्मों को लिख कर मशहूर हो चुके थे। फिल्म ने लता मंगेशकर को टॉप की गायिका बना दिया था। उस समय बॉम्बे टॉकीज आर्थिक रूप से दिवालिया हो चुकी थी, लेकिन, महल की सफलता भी बॉम्बे टॉकीज को बंद होने से नहीं बचा सकी। बॉम्बे टॉकीज फिल्म की रिलीज़ के पांच साल बाद १९५४ में बंद हो गया । 
पुनर्जन्म फिल्मों का गीत संगीत हिट
पुनर्जन्म फिल्मों की सफलता के पीछे उसके हिट संगीत का हाथ नज़र आता है। इस ट्रेंड को कमाल अमरोही की फिल्म महल ने स्थापित किया था। महल की सफलता में इसके संगीतकार खेमचंद प्रकाश द्वारा तैयार धुनों और लता मंगेशकर की सुरीली आवाज़ का हाथ साफ़ नज़र आता है। इस फिल्म में उस समय की बड़ी गायिकाओं राजकुमारी और जोहराबाई अम्बालेवाली ने एक तीर चला दिल पे लगा, छुन छुन घुंघरवा बाजे रे, घबरा के हम और मैं वह हंसी हूँ जैसे गीत गाए थे। लेकिन, तहलका मचाया लता मंगेशकर के गाये आएगा आने वाला और मुश्किल है बहुत मुश्किल गीतों ने। इस फिल्म के बाद लता मंगेशकर ने बॉलीवुड फिल्म संगीत की तमाम ऊंचाइयां तय का डाली। महल ने मधुर संगीत को पुनर्जन्म फिल्मों का आवश्यक तत्व बना डाला। मधुमती में सलिल चौधरी द्वारा संगीतबद्ध आजा रे परदेसी, चढ़ गयो पापी बिछुआ, सुहाना सफ़र और मौसम हसीं, दिल तड़प तड़प के कह रहा, घडी घडी मेरा दिल धड़के, जंगल में मोर नाचा किसी ने न देखा और टूटे हुए ख़्वाबों ने जैसे मधुर गीत फिल्म रिलीज़ होने से काफी पहले ही दर्शकों की जुबान पर थे। मिलन के लक्ष्मीकांत प्यारेलाल के संगीत से सजे सावन का महीना पवन करे सोर, हम तुम युग युग से ये गीत मिलन के गाते रहेंगे, बोल गोरी बोल तेरा कौन पिया, मैं तो दीवाना दीवाना, राम करे ऐसा हो जाये, आदि गीतों ने महीनों तक संगीत जगत में तहलका मचाये रखा। महबूबा फिल्म का संगीत भी हिट हुआ था। इस फिल्म के तमाम गीत राहुल देव बर्मन की धुनों पर आनंद बख्शी ने लिखे थे। इस फिल्म के मेरे नैना सावन भादो, महबूबा, गोरी तेरी पैजनियाँ, पर्वत के पीछे, जमुना किनारे आजा, आदि गीत बेहद लोकप्रिय हुए। सुभाष घई निर्देशित फिल्म क़र्ज़ का संगीत लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने दिया था। इस फिल्म के ओम शांति ओम, पैसा ये पैसा, एक हसीना थी, दर्दे दिल दर्दे जिगर और मैं सोलह बरस की जैसे गीतों ने तहलका मचा दिया। पुनर्जन्म पर निर्देशक राकेश रोशन की फिल्म करण अर्जुन का संगीत उनके भाई राजेश रोशन ने दिया था। इस फिल्म के जाती हूँ मैं, यह बंधन तो, भांगड़ा पा ले, एक मुंडा मेरी उम्र का, जय माँ काली, आदि गीत भी काफी सफल हुए। दीपिका पादुकोण की शाहरुख़ खान के साथ डेब्यू फिल्म ओम शांति ओम में विशाल-शेखर जोड़ी की धुनों से सजे दर्दे डिस्को, अजब सी, दीवानगी दीवानगी, मैं अगर कहूं, जग सूना सूना लागे, आदि गीत दर्शकों के बीच बेहद पसंद किये गए। साफ़ तौर पर १९४९ से लेकर २००७ के बीच रिलीज़ तमाम पुनर्जन्म फिल्मों में संगीत के महत्व  का अंदाजा इन फिल्मों के संगीत से लगाया जा सकता है। 
थ्रिलर फिल्म में रहस्यपूर्ण गीत का ट्रेंड 
महल केवल एक पुनर्जन्म फिल्म नहीं थी।  यह थ्रिलर फिल्म भी थी।  इस फिल्म का आएगा आने वाला गीत महल के गलियारों से गुजर रहे साये के इर्दगिर्द रहस्य का साया कुछ ज़्यादा गहरा देता था। दर्शकों में इस गीत को सुनते हुए आगे की कहानी के प्रति उत्सुकता बढती चली जाती थी। रहस्य रोमांच से भरपूर फिल्मों के लिए यह ट्रेंड सा बन गया।  महल के आएगा आने वाला गीत ने रहस्य फिल्मों में नायिका के इर्दगिर्द रहस्य बुनने के लिए एक गीत का बार बार इस्तेमाल करने का फार्मूला ईजाद कर दिया। इस ट्रेंड को बाद की कई फिल्मो में आजमाया गया। महल के एडिटर बिमल रॉय ने अपनी फिल्म मधुमती में इसी ट्रेंड पर आजा रे परदेसी गीत रखा था। फिल्म महबूबा का मेरे नैना सावन भादो गीत फिल्म के रहस्य को गहराने वाला था। थ्रिलर फिल्मों के उस्ताद राज खोसला ने अपनी फिल्म वह कौन थी में नैना बरसे रिम झिम रिम झिम गीत के ज़रिये साधना के करैक्टर को रहस्यपूर्ण बना दिया था। निर्देशक बीरेन नाग की हॉरर थ्रिलर फिल्म बीस साल बाद में कहीं दीप जले कहीं दिल गीत के शुरू होते ही दर्शकों को यह एहसास हो जाता था कि अब आत्मा आने वाली है। यह गीत फिल्म में कई बार बजते हुए रहस्य गहराता था। इसी प्रकार से दूसरी रहस्य रोमांच वाली थ्रिलर फिल्मों में किसी न किसी गीत के जरिये रोमांच पैदा करने की कोशिश की गई थी। 
असफल भी हुई हैं पुनर्जन्म पर फ़िल्में 
आम तौर पर पुनर्जन्म का कथानक दर्शकों को रास आता है।  महल से लेकर राब्ता से पहले तक पुनर्जन्म के कथानक वाली फ़िल्में, अमूमन हिट होती रही हैं।  इसका मतलब यह नहीं कि पुनर्जन्म सेफ फार्मूला है।  पुनर्जन्म पर आधारित फिल्मों को दर्शकों ने सिरे से नकारा भी है।  यह ज़्यादातर फ़िल्में बड़े सितारों वाली फ़िल्में भी थी।  इनमे सैफअली खान और काजोल की फिल्म हमेशा, सलमान खान और शीबा की फिल्म सूर्यवंशी, राजेश खन्ना हेमा मालिनी और राजकुमार की फिल्म कुदरत, करिश्मा कपूर की थ्रीडी फिल्म डेंजरस इश्क़, निर्देशक कुणाल कोहली की शाहिद कपूर और प्रियंका चोपड़ा की फिल्म तेरी मेरी कहानी, आदि पुनर्जन्म पर फ़िल्में बड़ी स्टार कास्ट के बावजूद बुरी तरह से असफल हुई थी। इसके अलावा, भारीभरकम बजट से बनी पुनर्जन्म फिल्म प्रेम (संजय कपूर और तब्बू) और लव स्टोरी २०५० (हरमन बवेजा और प्रियंका चोपड़ा) भी बुरी तरह से असफल हुई।  कुछ दूसरी असफल पुनर्जन्म फिल्मों में मिस्टर या मिस, एक पहेली लीला, आदि ख़ास उल्लेखनीय फ़िल्में हैं। 


पुनर्जन्म फिल्मों के लिहाज़ से दिनेश विजन की फिल्म राब्ता कहाँ फिट बैठती है? यह फिल्म हिट होगी या सुपरहिट या फ्लॉप ! फिल्म का बजट बड़ा है, पर स्टार कास्ट ख़ास बड़ी नहीं।  फिल्म में कॉस्ट्यूम ड्रामा भी है।  यह फिल्म तेलुगु फिल्म मगधीरा का रीमेक है।  मगधीरा बड़ी हिट फिल्मो में शुमार है। परन्तु राब्ता का संगीत हिट नहीं हो रहा है। सिर्फ टाइटल सांग ही ठीकठाक है। यह गीत भी दीपिका पादुकोण के सेक्सी हावभाव के कारण देखा जा रहा है। ऐसे पूछा जा सकता है कि क्या राब्ता भी हिट होगी ? इंतज़ार कीजिये ९ जून का।    

शनिवार, 27 मई 2017

बॉलीवुड की ‘डिअर माया’ मनीषा कोइराला !

सुनैना भटनागर निर्देशित फिल्म डिअर माया शिमला के एक गाँव में अकेली रहने वाली और गुडिया बना कर गुजर बसर करने वाली महिला माया देवी की कहानी है। माया को कोई लव लैटर लिख रहा है। कौन लिख रहा हैयह पता तो नहीं चलता। लेकिन माया के सपनों को पंख लग जाते हैं।  वह खुली आँखों से सात रंग के सपने देखने लगती है।  एक अकेली औरत के मनोविज्ञान को समझने वाली बेहद उलझी हुई फिल्म है डिअर माया।  इस जटिल चरित्र को सामान्य ढंग से करने के लिए किसी सक्षम अभिनेत्री की ज़रुरत होती है।  सुनैना भटनागर की फिल्म डिअर माया की इस ज़रुरत को पूरा करती हैं अभिनेत्री मनीषा कोइराला। मनीषा कोइराला कोई पांच साल बाद रुपहले परदे पर वापसी कर रही हैं। ज़ाहिर है कि हिंदी फिल्म दर्शक मनीषा कोइराला के अभिनय का दीवाना है तभी तो डिअर माया का ट्रेलर सोशल साइट्स पर वायरल हो गया है। 
२६ साल पुराना परिचय
हिंदी फिल्म दर्शकों से मनीषा कोइराला का परिचय २६ साल पुराना है।   निर्माता निर्देशक सुभाष घई ने कोई ३२ साल बाद राजकुमार और दिलीप कुमार को एक साथ ला कर धमाका कर दिया था।  इन दो ज़बरदस्त एक्टरों के बीच दो नए चेहरे विवेक मुश्रान और नेपाली ब्यूटी मनीषा कोइराला का रोमांटिक डेब्यू हो रहा था। फिल्म देखने जाने वाले तमाम दर्शकों में दिलीप कुमार-राजकुमार टकराव देखने की उत्तेजना थी।  लेकिनजब दर्शक फिल्म देख कर बाहर निकलता तो उसकी जुबां पर फिल्म का गीत इलू इलू होता और दिमाग पर मनीषा कोइराला के पर्वतीय सौन्दर्य का कब्ज़ा । इसका नतीजा था कि मनीषा कोइराला को लेकर तथा विवेक मुश्रान के साथ जोड़ी बना कर फ़िल्में बनाने की होड़ लग गई। यह सभी बेहद कमज़ोर थी। लिहाजा बॉक्स ऑफिस पर धडाम हो गई। 
सौदागर के बाद असफलता
सौदागर में मनीषा कोइराला के रोमांस विवेक मुश्रान अपनी फिल्मों की असफलता के बाद बिलकुल नदारद हो गए।  लेकिन मनीषा कोइराला फ्लॉप फिल्मों के बावजूद जमी रही।  उन्होंने फ़िल्में हिट हो या फ्लॉपअपने अभिनय का लोहा मनवाया।  १९४२ अ लव स्टोरी (१९९४)बॉम्बे और अकेले हम अकेले तुम (दोनों १९९५)अग्नि साक्षी (१९९६)ख़ामोशी द म्यूजिकल (१९९६)आदि फिल्मों में अपने अभिनय से सबको प्रभावित किया। १९९० के दशक में वह उस समय की माधुरी दीक्षितकाजोलरानी मुख़र्जीआदि को चुनौती देती लगती थी। लेकिनइस सब के बावजूद मनीषा कोइराला के फिल्म करियर को उनके निजी जीवन ने बेहद प्रभावित किया।  वह फिल्मों से ज्यादा देर रात पार्टियोंबॉय फ्रेंड्स और शराब के नशे को लेकर सुर्ख होने लगी। इसके बावजूद राजीव राय की फिल्म गुप्त : द हिडन ट्रुथमणि रत्नम की फिल्म दिल सेमिलन लुथरिया की फिल्म कच्चे धागेइन्द्र कुमार की फिल्म मनराजकुमार संतोषी की फिल्म  लज्जा और उज्जवल चट्टोपाध्याय की फिल्म एस्केप फ्रॉम तालिबान ने मनीषा कोइराला की अभिनेत्री की प्रतिष्ठा को बरकरार रखा था। 
मनीषा कोइराला की मार्केट को धक्का !
मनीषा कोइराला की इस प्रतिष्ठा को धक्का पहुंचा जय प्रकाश की फिल्म मार्केट के बाद।  मार्केट बॉक्स ऑफिस पर सफल हो गई। लेकिनमनीषा कोइराला की ऎसी घटिया फिल्म करने के लिए आलोचना की गई। रही सही कसर पूरी कर दी चाहत एक नशाअनजाने द अननोनलाइफ लुक्स ग्रीनर ऑन द आदर साइडआदि नायिका के खुले अंगों का प्रदर्शन करने वाली फिल्मों ने।  दर्शकों को उस समय बड़ा धक्का लगाजब उनकी प्रिय अभिनेत्री शशिलाल नायर की फिल्म एक छोटी सी लव स्टोरी में एक किशोर युवक के साथ सेक्स कर रही थी।  यह फिल्म देखने के बाद कोई भी यह कह सकता था कि मनीषा कोइराला का करियर किस फेज से गुजर रहा था हालाँकिइस दौरान मनीषा कोइराला ने अग्निसाक्षी वाले पार्थो घोष की फिल्म एक सेकंड....जो ज़िन्दगी बदल दे और दीप्ति नवल की फिल्म दो पैसे की धूप और चार आने की बारिश से वापसी करने की कोशिश की।  लेकिनरामगोपाल वर्मा की गैंगस्टर वॉर फिल्म कंपनी और हॉरर फिल्म भूत रिटर्न्स के बाद अभिनेत्री मनीषा कोइराला की फिल्मों में वापसी नहीं हुई। 
घरेलू परेशानियां और कैंसर
२०१० से मनीषा कोइराला घरेलू परेशानियों से जूझ रही थी। उनकी २०१० में एक नेपाली व्यवसाई सम्राट दहल से शादी हुई थी।  लेकिनयह शादी सफल नहीं हो सकी। २०१२ में दोनों में तलाक़ हो गया। इसी साल उनके गर्भाशय में कैंसर का पता चला। यह किसी भी औरत की बड़ी त्रासदी थी कि एक तरफ वह अपनी उथल पुथल भरे वैवाहिक ज़िंदगी से जूझ रही थीदूसरी ओर उसे अब कैंसर से भी लड़ना था।  इसके बाद मनीषा कोइराला फिल्मों से बिलकुल दूर चंद शब्दों के समाचारों में खो गई।  कभी कभार यह खबर आती कि मनीषा कोइराला कहीं विदेश में अपना कैंसर का ईलाज करा रही है। फिर एक दिन खबर आई कि वह अब बिलकुल ठीक है।  इसी के साथ दर्शक इंतज़ार करने लगे कि कब उनकी प्रिय अभिनेत्री मनीषा कोइराला अभिनय की दुनिया में लौटती है !
अब डिअर माया और नर्गिस
अब तीन साल तक कैंसर के ईलाज के बाद पूरी तरह से ठीक हो गई मनीषा कोइराला हिंदी फिल्मों में वापसी कर रही है। सुनैना भटनागर की फिल्म डिअर माया उनकी वापसी के लिए श्रेष्ठ फिल्म साबित हो सकती है।  डिअर माया २ जून को रिलीज़ हो रही है। मनीषा कोइराला अपनी इस वापसी फिल्म के लिए खूब प्रचार कर रही हैं और इंटरव्यू दे रही हैं। उनके चेहरे पर थकान साफ़ नज़र आती हैं। लेकिनवापसी फिल्म का उत्साह इसे दूर भगा देता है। डिअर माया कितनों को लुभा पाती हैपता नहीं।  लेकिन मनीषा का सफ़र अब चलते रहने वाला है।  वह राजकुमार हिरानी की संजय दत्त के जीवन पर अनाम फिल्म में संजय दत्त की माँ नर्गिस का किरदार कर रही हैं।  मनीषा कोइराला ने संजय दत्त के साथ यलगारसनमअचानककारतूसखौफबागी और महबूबा जैसी फ़िल्में की हैं। कुछ फिल्मों में वह संजय दत्त का प्यार बनी थी।  ऐसे में अपने रील लाइफ प्रेमी की रील लाइफ माँ का किरदार किसी अभिनेत्री को अटपटा सा लग सकता है।  लेकिनअभिनेत्री मनीषा कोइराला को ऐसी फिल्मों की दरकार है।  वह जानती है कि वह संजय दत्त की बायोपिक से नर्गिस के उस दर्द को बयान कर सकेगीजो कैंसर से जूझती नर्गिस ने नशीली दवाओं के चपेट में रहने वाले बेटे को देख देख कर भोगा था। यह संयोग की बात है कि नर्गिस दत्त की मौत कैंसर से ही हुई थी। 


बुधवार, 24 मई 2017

टाइगर श्रॉफ बने बॉलीवुड के रेम्बो

भारत से ७ हजार किलोमीटर दूर कांस इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में इस बात का ऐलान कर दिया गया है कि बॉलीवुड, हॉलीवुड की हिट रेम्बो सीरीज पर अधिकारिक फिल्म का निर्माण करेगा । फ्रांस का कांस अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल इस बात का गवाह बना कि बॉलीवुड के युवा सितारे टाइगर श्रॉफ हॉलीवुड के सिल्वेस्टर स्टैलोन को बॉलीवुड का जवाब होंगे । हॉलीवुड की मशहूर रेम्बो सीरीज की पहली फिल्म रेम्बो के ऑफिसियल बॉलीवुड रीमेक में टाइगर श्रॉफ रेम्बो का किरदार करेंगे। फिल्म का जो पहला पोस्टर जारी किया गया है, उससे साफ़ लगता है कि बॉलीवुड की रेम्बो फिल्म का टाइटल भी रेम्बो ही होगा । इस फिल्म का निर्देशन सिद्धार्थ आनंद करेंगे।  सिद्धार्थ आनंद ने २०१४ में रिलीज़ हृथिक रोशन और कैटरीना कैफ की  एक्शन फिल्म बैंग बैंग का निर्देशन किया था।  बताते चलें कि सिद्धार्थ आनंद की फिल्म बैंग बैंग टॉम क्रूज और कैमेरॉन डियाज़ अभिनीत फिल्म नाइट एंड डे का ऑफिसियल रीमेक थी ।
हॉलीवुड को मालामाल किया रेम्बो ने 
हॉलीवुड फिल्मों के हिन्दुस्तानी दर्शक जानते हैं कि सिल्वेस्टर स्टैलॉन को हॉलीवुड का एक्शन स्टार बनाने वाली फिल्म रेम्बो १९८२ में रिलीज़ हुई थी।  इस फिल्म ने सिल्वेस्टर स्टैलॉन को एक्शन स्टार तो बनाया हीइसके निर्माताओं को भी मालामाल कर दिया।  फिल्म के निर्माण में केवल १५ मिलियन डॉलर खर्च हुए थे। लेकिन धुंआधार एक्शन और खून खराबे वाली फिल्म रेम्बो ने बॉक्स ऑफिस पर १२५ मिलियन डॉलर बटोर लिए ।  इतनी बड़ी सफलता के बादस्वाभाविक था कि रेम्बो के सीक्वल बनाये जाते।  इस फिल्म के तीन सीक्वल और बनाये गए।  सिल्वेस्टर स्टेलॉन इन सभी फिल्मों में थे।  उन्होंने इन रेम्बो फिल्मों को लिखा भी। चौथी रेम्बो फिल्म का निर्देशन भी किया। रेम्बो एक अमेरिकन सिपाही की शक्ति और जांबाज़ी का प्रतीक था । वह हैंड टू हैंड कॉम्बैट भी कर सकता था और गुरिल्ला युद्ध में भी दक्ष था। सिल्वेस्टर स्टैलॉन के मज़बूत और संतुलित शरीर ने रेम्बो को सजीव कर दिया।  
भारतीय रेम्बो नहीं बन सका !
ज़ाहिर है कि रेम्बो को पसंद करने वाले चाहेंगे कि भारत में रेम्बो का हिंदी रीमेक बनाया जाये या कोई प्रेरित किरदार के साथ फिल्म बनाई जाये।  परन्तु दिलचस्प तथ्य यह था कि बॉलीवुड ने ऐसा कोई प्रयास नहीं किया। अनिल शर्मा ने अपनी फिल्म हुकूमत में धर्मेंद्र से रेम्बो स्टाइल में खून खराबा ज़रूर करवाया।  लेकिन धर्मेंद्र को इंडियन रेम्बो बनाने की कोई कोशिश नहीं की। पिछले साल यह खबर थी कि सिद्धार्थ आनंद की फिल्म में रेम्बो का किरदार हृथिक रोशन करेंगे । हृथिक रोशन अपने शारीरिक गठन से रेम्बो का हिंदुस्तानी संस्करण बनने की पूरी योग्यता रखते थे।  लेकिनशायद बात नहीं बन सकी। इस रोल के लिए जॉन अब्राहमविद्युत् जम्वाल और सिद्धार्थ मल्होत्रा के नामों पर भी विचार किया गया था।  विद्युत् जामवाल ने कमांडो (२०१३) में एक कमांडो के किरदार में खुद के गठीले शरीर, हैरतंगेज़ एक्शन दृश्यों से दर्शकों को प्रभावित किया था । २०१७ में इस फिल्म का सीक्वल कमांडो २ भी रिलीज़ हुआ । विद्युत् जामवाल को भी उनके शारीरिक गठन और एक्शन में महारत के कारण रेम्बो के काबिल समझा गया । कुछ ऎसी ही खासियतों के कारण फ़ोर्स सीरीज के नायक जॉन अब्राहम भी इंडियन रेम्बो के काबिल समझे जा रहे थे । ब्रदर्स में एक बॉक्सर का किरदार करने वाले सिद्धार्थ मल्होत्रा के नाम पर भी विचार किया गया । लेकिन, आखिरी फैसला टाइगर श्रॉफ पर हुआ ।
इंडियन रेम्बो टाइगर श्रॉफ 
टाइगर श्रॉफ ने अपने फिल्म करियर की शुरुआत तीन साल पहले फिल्म हीरोपंथी से की थी । यह रोमांस की कहानी के साथ ज़बरदस्त एक्शन वाली फिल्म थी । टाइगर श्रॉफ हरफनमौला साबित होते थे । क्योंकि वह जितना अच्छा एक्शन कर लेते थे, वह उतने ही अच्छे डांसर भी साबित होते थे । वह मार्शल आर्ट्स जानते हैं। उनकी अगली दो फिल्मों बागी और अ फ्लाइंग जट से इसकी पुष्टि होती थी । टाइगर श्रॉफ अपने शारीरिक गठन से काफी रफ़टफ लगते हैं । अपनी हर फिल्म में कमीज़ उतार कर उन्होंने इसका प्रदर्शन भी किया है । उनकी इसी खासियत ने उन्हें विद्युत् जामवाल, जॉन अब्राहम और सिद्धार्थ मल्होत्रा के ऊपर कर दिया । दिलचस्प तथ्य यह है कि सिल्वेस्टर स्टैलॉन ने जब रेम्बो का किरदार किया, उस समय वह ३६ साल के थे, जबकि टाइगर श्रॉफ २७ साल के हैं ।
रेम्बो पर ऐतराज़ था  
चूंकि, सिद्धार्थ आनंद की फिल्म रेम्बो हॉलीवुड फिल्म का हिंदी रीमेक है, इसलिए वह अपनी फिल्म के टाइटल में रेम्बो का उपयोग कर सकते हैं । अन्यथा, बॉलीवुड को अपनी फिल्मों के टाइटल में रेम्बो शब्द का उपयोग करने की मनाही थी । इसीलिए, निर्देशक प्रभुदेवा को शाहिद कपूर और सोनाक्षी सिन्हा के साथ अपनी एक्शन फिल्म का टाइटल रेम्बो राजकुमार से बदल कर थोडा मिलता जुलता आर...राजकुमार रखना पडा था । हालाँकि, खुद सिल्वेस्टर स्टैलॉन एक हिंदी फिल्म कमबख्त इश्क (२००९) में अक्षय कुमार के साथ कैमिया कर चुके हैं । इतना ही नहीं, उन्हें भारतीय रेम्बो में दिलचस्पी भी थी । रोहित शेट्टी निर्देशित फिल्म सिंघम रिटर्न्स (२०१४) के हीरो सिंघम को सिल्वेस्टर स्टैलॉन ने इंडियन रेम्बो बताया था। यहाँ उल्लेखनीय है कि रेम्बो के दूसरे पार्ट ‘रेम्बो फर्स्ट ब्लड पार्ट २’ को १९८५ में इस बिना पर रिलीज़ होने से रोक दिया गया था कि फिल्म में ज़बरदस्त खून-खराबा था, फिल्म का नायक सोवियत रूस का दुश्मन था और इस फिल्म के कारण भारत और रूस के संबंधों में तनाव पैदा हो सकता था । बाद में यह फिल्म कुछ कट के साथ रिलीज़ हुई ।
तीन हिस्सों में रेम्बो
सिद्धार्थ आनंद भारतीय रेम्बो तीन फिल्मों में पेश कर सकते हैं। हालाँकिसिद्धार्थ आनंद की फिल्म रेम्बो, हॉलीवुड फिल्म रेम्बो का ऑफिसियल रीमेक है। इसके बावजूद तीनों फिल्मों की कहानी में बहुत फर्क होगा। बॉलीवुड का रेम्बो अमेरिकी रेम्बो की तरह वियतनाम रूस अफगानिस्तानआदि में घुस कर दुश्मनों का सफाया नहीं कर सकता।  इसलिएबॉलीवुड रेम्बो की कहानियां आतंरिक उथलपुथल पर केंद्रित होंगी । कहानी के अनुसार भारतीय रेम्बो इंडियन आर्मी की श्रेष्ठ गुप्त इकाई का आखिरी जीवित सदस्य है । जब वह देश वापस आता है तो पाता है कि देश में आतंरिक दुश्मन सक्रिय हैं, जो हिंसक गतिविधियाँ चला रहे है । उसे इनका सफाया करना है । इससे साफ है कि इंडियन रेम्बो देश में ही सक्रिय होगा । अलबत्ताकिसी फिल्म में वह पाकिस्तान,  अफगानिस्तान या चीन में घुस कर दुश्मन आतंकियों का सफाया कर सकता है।  
कांन्स में ऐलान के साथ ही टाइगर श्रॉफ पूरी दुनिया में सिल्वेस्टर स्टैलॉन को भारतीय जवाब के तौर पर मशहूर हो गए है । दुनिया के तमाम अख़बारों में उन पर तथा उनकी फिल्म को लेकर खबरें सुर्ख हो रही है । खुद सिल्वेस्टर स्टैलॉन ने ट्वीट कर बॉलीवुड फिल्म पर कमेंट किया है। टाइगर श्रॉफ को इतनी छोटी उम्र और छोटे करियर में जैसी शोहरत मिली है, उस शोहरत के लिए बॉलीवुड के तमाम बड़े सितारे तरसते हैं । फिलहाल तो तमाम दर्शकों की निगाहें फरवरी २०१८ पर लगी होंगी, जब इंडियन रेम्बो की शूटिंग शुरू होगी।  इसका क्लाइमेक्स २०१८ के आखिरी में नज़र आएगा, जब फिल्म रिलीज़ होगी। 

शनिवार, 20 मई 2017

कुछ बात है इन चेहरों में !

इस साल, १०० करोड़ क्लब में प्रवेश करने वाली पहली तीन हिंदी फिल्मों काबिल, रईस और जॉली एलएलबी २ बॉलीवुड के पुराने और स्थापित अभिनेताओं हृथिक रोशन, शाहरुख़ खान और अक्षय कुमार की फ़िल्में थी । लेकिन, १०० करोड़ क्लब में प्रवेश करने वाली चौथी फिल्म बद्रीनाथ की दुल्हनिया दो युवा चेहरों वरुण धवन और अलिया भट्ट की फिल्म थी । बद्रीनाथ की दुल्हनिया की सफलता में इस फिल्म के निर्देशक शशांक खेतान की उत्कृष्ट निर्देशकीय कल्पनाशीलता और चुस्त दुरुस्त पटकथा का जितना हाथ था, उतना ही फिल्म की युवा चेहरों और उनके अभिनय की ताज़गी भी थी । यह दोनों साबित करते थे कि उनमे भी बॉक्स ऑफिस को जीतने का उतना ही माद्दा है, जितना किसी पुराने और स्थापित अभिनेताओं में हैं । 
वरुण धवन और आलिया भट्ट 
पिछले चार पांच सालों से रूपहले परदे पर नज़र आने वाले चेहरों को स्टार संस या डॉटर बता कर खारिज नहीं किया जा सकता । बेशक, इधर फिल्मों में नज़र आ रहे कई चेहरों के पीछे अपने सितारा माँ या पिता का आभा मंडल है । लेकिन, दर्शकों के दिलों में अपनी जगह इन्होने खुद बनाई है । इन चेहरों में ऎसी कुछ बात है कि दर्शकों के ज़ेहन से उतरते ही नहीं। वरुण धवन और अलिया भट्ट, करण जौहर की फिल्म स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर से परदे पर आये । दर्शकों जानते थे कि वरुण धवन कॉमेडी फिल्मे बनाने वाले डेविड धवन का बेटा है और अलिया भट्ट फिल्मकार महेश भट्ट की बेटी है । लेकिन, दर्शकों ने इन्हें तभी स्वीकार किया, जब इस जोड़े ने दर्शकों को अपनी अभिनय और नृत्य प्रतिभा से प्रभावित किया । अलिया भट्ट ने उडता पंजाब फिल्म से खुद को अभिनयशील साबित किया । वरुण धवन ने भी खुद को गोविंदा के कॉमेडी हीरो का दावेदार साबित किया । बदलापुर में उनके गंभीर अभिनय की सराहना हुई  । इस जोड़े के बीच ज़बरदस्त केमिस्ट्री भी है । तभी तो हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया के बाद इस जोडी की दूसरी फिल्म बद्रीनाथ की दुल्हनिया भी हिट हो गई ।
विलेन की बेटी श्रद्धा कपूर 
फिल्म एबीसीडी २ में वरुण धवन की नायिका श्रद्धा कपूर भी एक प्रतिभाशाली अभिनेत्री है । श्रद्धा कपूर पुराने जमाने के विलेन शक्ति कपूर और पद्मिनी कोल्हापुरे की बहन शिवांगी की बेटी है । श्रद्धा कपूर को स्क्रीन पर आने का पहला मौक़ा मिला अमिताभ बच्चन की मुख्य भूमिका वाली फिल्म तीन पत्ती में एक आइटम से । यशराज फिल्म्स के युवा बैनर वाय फिल्म्स की फिल्म लव का द एंड में श्रद्धा नायिका बनी । फिल्म बुरी तरह फ्लॉप हुई । ऐसा लगा कि विलेन की बेटी हवा में विलीन हो गई है, क्योंकि, इसके बाद दो साल तक श्रद्धा कपूर की कोई भी फिल्म रिलीज़ नहीं हुई थी । श्रद्धा को जीवन दिया अलिया भट्ट के पिता महेश भट्ट की फिल्म आशिकी २ ने । महेश भट्ट की १९९० में निर्देशित हिट म्यूजिकल फिल्म आशिकी की सीक्वल फिल्म ने १०० करोड़ क्लब में प्रवेश किया  । श्रद्धा कपूर ने एक विलेन और हैदर में खुद अभिनयशील साबित किया ।
काबिल नहीं सिद्धार्थ, आदित्य और अर्जुन ! 
श्रद्धा कपूर की तरह उनके हीरो इतने काबिल साबित नहीं होते । श्रद्धा के साथ फिल्म आशिकी २ और ओके जानू के हीरो आदित्य रॉय कपूर तथा एक विलेन के सिद्धार्थ मल्होत्रा परदे उतने सफल नज़र नहीं आते । सिद्धार्थ मल्होत्रा को स्टूडेंट ऑफ़ द इयर से करण जौहर ने ही डेब्यू करवाया था । ओके जानू में हीरो आदित्य रॉय कपूर को इस मायने में स्टार ब्रदर कहा जा सकता है कि उनके भाई सिद्धार्थ रॉय कपूर बड़े फिल्म निर्माता है । इन दोनों में अभिनय क्षमता कुछ ख़ास नहीं  । यह दोनों ही कैटरीना कैफ के साथ बार बार देखो और फितूर जैसी असफल फ़िल्में दे चुके हैं । सिद्धार्थ मल्होत्रा का प्लस पॉइंट यह है कि उनके खाते में कपूर एंड संस जैसी सफल फिल्म दर्ज है । इन अभिनेताओं के साथ अर्जुन कपूर को भी रखा जाना चाहिए । फिल्म निर्माता बोनी कपूर के बेटे और सोनम कपूर के भाई अर्जुन कपूर ने इशकजादे से अपने फिल्म करियर की शुरुआत की थी । परिणीति चोपड़ा के साथ यह फिल्म हिट हुई थी । अर्जुन कपूर की खासियत है कि जब वह अपनी हमउम्र अभिनेत्रियों अलिया भट्ट (२ स्टेट्स) और परिणीति चोपड़ा (इशकज़ादे) के साथ फिल्म करते हैं, फिल्म हिट हो जाती है ।  लेकिन, जैसे ही वह प्रियंका चोपड़ा के साथ गुंडे, सोनाक्षी सिन्हा के साथ तेवर और करीना कपूर के साथ की एंड का करते हैं, फ़िल्में असफल हो जाती है । इसीलिए लोगों को उम्मीद है कि श्रद्धा कपूर के साथ उनकी  फिल्म हाफ गर्लफ्रेंड सफल होगी ।
मुबारकां की तिकड़ी 
अनीस बज्मी की २८ जुलाई को रिलीज़ होने जा रही फिल्म मुबारकां में अर्जुन कपूर अपने चाचा अनिल कपूर के साथ अभिनय कर रहे हैं । इस फिल्म में इलेअना डिक्रुज़, अतिया शेट्टी  और नेहा शर्मा भी अर्जुन कपूर की दोहरी भूमिकाओं के साथ रोमांस कर रही हैं । अतिया शेट्टी अभिनेता सुनील शेट्टी की बेटी हैं । उन्होंने आदित्य पंचोली के बेटे सूरज पंचोली के साथ फिल्म हीरो से डेब्यू किया था । लेकिन यह फिल्म फ्लॉप हुई थी । सूरज पंचोली और अतिया शेट्टी को दर्शक दूसरा मौक़ा देना चाहेंगे । इसलिए दर्शकों को मुबारकां में अतिया शेट्टी की भूमिका का इंतज़ार है । नेहा शर्मा क्या सुपर कूल हैं हम, यमला पगला दीवाना २, यंगिस्तान और तुम बिन २ ऐसी असफल फ़िल्में दे चुकी हैं । अगर मुबारकां से उनकी किस्मत नहीं चमकी तो उन्हें फिल्म इंडस्ट्री को अलविदा करना पड़ेगा । 
बॉक्स ऑफिस का टाइगर 
सितारों की नई खेप के एक अन्य स्टार पुत्र टाइगर श्रॉफ हैं। जैकी श्रॉफ के इस बेटे ने फिल्म हीरोपंथी से कृति सेनन के साथ डेब्यू किया था । फिल्म हिट हो गई । टाइगर ने श्रद्धा कपूर के साथ बागी जैसी दूसरी हिट फिल्म दी है । अलबत्ता जैक्विलिन फर्नांडीज के साथ अ फ्लाइंग जट को असफलता का मुंह देखना पडा । इसके बावजूद दर्शकों को टाइगर से काफी अपेक्षाए हैं । उनकी आगामी फिल्मों मुन्ना माइकल, बागी २ और अधूरा की दर्शकों को प्रतीक्षा है । कमल हासन और सारिका की बेटी श्रुति हासन में भी दर्शकों को पोटेंशियल नज़र आता है।  श्रुति हासन ने २००९ में लक फिल्म से डेब्यू किया था।  वह डी-डे में बढ़िया अभिनय करके अपनी पहचान बना चुकी हैं।  गब्बर इज बैक, वेलकम बैक और रॉकी हैंडसम में अभिनय कर चुकी श्रुति की आगामी फिल्मों में बहन होगी तेरी और शाबास कुंडू उल्लेखनीय हैं। ख़ास किस्म की फिल्मों और किरदारों के लिहाज़ आयुष्मान खुराना, परिणीति चोपड़ा और भूमि पेंडणेकर की फिल्मों को भी दर्शक दिलचस्पी से देखता है।  


दक्षिण की फिल्मों की सफल अभिनेत्री इलेअना डिक्रुज़ हिंदी फिल्मों में खुद को साबित कर चुकी हैं । उनके खाते में रणबीर कपूर के साथ बर्फी, वरुण धवन के साथ मैं तेरा हीरो और अक्षय कुमार के साथ रुस्तम जैसी सफल फ़िल्में हैं । दक्षिण में व्यस्त होने के कारण वह ज्यादा हिंदी फ़िल्में नहीं कर पा रहीं । वह बादशाओ में अजय देवगन के साथ नज़र आएँगी । इस लिहाज़ से साउथ की एक अन्य अभिनेत्री तपसी पन्नू हिंदी फिल्मों के प्रति ज्यादा गंभीर नज़र आती हैं । दक्षिण की फिल्मों में अपना करियर बनाने के तीन साल बाद तपसी पन्नू ने बॉलीवुड का रुख किया । उनकी पहली फिल्म धवन बाप-बेटा डेविड धवन और वरुण धवन के साथ फिल्म चश्मे बद्दूर थी । यह फिल्म बड़ी हिट साबित हुई । दो साल बाद फिल्म बेबी में अक्षय कुमार के साथ कंधे से कंधा मिला कर दुश्मनों का सफाया करने वाली तपसी पन्नू ने फिल्म पिंक में अपनी अभिनय क्षमता का लोहा मनवा लिया । बेबी फिल्म के प्रेकुएल नाम शबाना में तापसी ने शबाना का केंद्रीय किरदार किया था । तपसी पन्नू की नाम शबाना (३६.७६ करोड़) ने बॉक्स ऑफिस पर अनुष्का शर्मा की फिल्म फिल्लौरी (२७.१ करोड़) और विद्या बालन की फिल्म बेगम जान (२०.९१ करोड़) से ज्यादा बिज़नस किया । सोनाक्षी सिन्हा की फिल्म नूर (७.५८ करोड़) तो काफी पीछे रह गई । तपसी पन्नू की प्रकाश राज के निर्देशन में तड़का और वरुण धवन के साथ फिल्म जुड़वा २ इसी साल रिलीज़ हो सकती हैं । दक्षिण से एक दूसरी अभिनेत्री कृति सेनन ने टाइगर श्रॉफ के साथ फिल्म हीरोपंथी से डेब्यू किया था । वह वरुण धवन के साथ शाहरुख़ खान और काजोल की फिल्म दिलवाले में रोमांटिक जोड़ी बना चुकी हैं । कृति की सुशांत सिंह राजपूत के साथ पुनर्जन्म पर फिल्म राब्ता ९ जून को और आयुष्मान खुराना के साथ बरेली की बर्फी २१ जुलाई को रिलीज़ होने जा रही हैं ।

बुधवार, 17 मई 2017

बाहुबली २ की सफलता से सदमे में बॉलीवुड

ताज़ातरीन खबर यह है कि तेलुगु फिल्म बाहुबली : द कन्क्लूजन का डब हिंदी संस्करण ४०० करोड़ क्लब कायम कर चुका है। इस फिल्म ने रिलीज़ के १७ वे दिन तमाम रिकॉर्ड ध्वस्त कर, नए रिकॉर्ड कायम करने शुरू कर दिए हैं।  फिल्म का हिंदी संस्करण ४३२. ८० करोड़ का कलेक्शन कर हिंदी की अब तक की सबसे कामयाब फिल्म आमिर खान की फिल्म दंगल को काफी पीछे छोड़ चुका है।  इस फिल्म की बॉक्स ऑफिस पर जैसी रफ़्तार बनी हुई है, उससे लगता है कि बाहुबली २ का हिंदी संस्करण ५०० करोड़ क्लब भी कायम कर देगा। इस सप्ताह रिलीज़ अमिताभ बच्चन जैसे सितारे की फिल्म सरकार ३ बॉक्स ऑफिस पर पानी मांग रही है। ऐसे में बॉलीवुड के तमाम अभिनेताओं को बॉक्स ऑफिस पर अपना बाहुबल दिखाने में असंभव को संभव कर दिखाने के लिए मशक्कत करनी होगी।  यही कारण है कि बॉलीवुड, दक्षिण की इस फिल्म की सफलता से सदमे में है।  हालाँकि, इस फिल्म के हिंदी संस्करण के वितरक बॉलीवुड के बड़े फिल्म निर्माता निर्देशक करण जौहर है। इसके बावजूद फिल्म के प्रति ईर्ष्या छुपाने की कोशिश उनके प्रिय खान सलमान खान, आमिर खान और शाहरुख़ खान भी नहीं कर रहे हैं। ख़ास बात यह है कि इस तेलुगु फिल्म की इस ज़ुर्रत की प्रशंसा करने के लिए बॉलीवुड का कोई बड़ा अभिनेता या अभिनेत्री आगे नहीं आई है। बॉलीवुड की रद्दी सी फिल्म की प्रशंसा में ट्वीट पर ट्वीट करने वाले बॉलीवुड सेलिब्रिटी नदारद हैं। केवल प्रियंका चोपड़ा ने ही इस फिल्म की प्रशंसा में शब्द कहें हैं।  जबकि, तमिल फिल्म उद्योग के तमाम बाहुबली अभिनेताओं ने ज़बरदस्त प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एसएस राजामौली और उनकी टीम की भूरि भूरि प्रशंसा की है।  रजनीकांत ने तो शुरूआती दौर में ही बाहुबली २ को भारतीय सिनेमा का गौरव फिल्म बताया था।  महेश बाबू और चिरंजीवी ने भी फिल्म की प्रशंसा की है। दरअसल, अपनी फिल्मों को १०० या २०० करोड़ क्लब में पहुंचाने के लिए हॉलिडे वीकेंड के मोहताज़ बॉलीवुड एक्टर सोच भी नहीं पा रहे हैं कि कोई डब फिल्म नार्थ के लिए बिलकुल अनजाने जैसे कलाकारों के साथ बिना हॉलिडे वीकेंड के भी इतना बड़ा रिकॉर्ड कायम कर सकेंगे।  ऐसे में उन्हें अपना स्टारडम साबित करने की बड़ी चुनौती है।  फिलहाल, बाहुबली २: द कन्क्लूजन ने वर्ल्डवाइड १००० करोड़ ग्रॉस और भारत में १००० करोड़ ग्रॉस का रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिया है।  इसका अगला निशाना भारत में १००० करोड़ का नेट का रिकॉर्ड होगा।  इस  समय तक बाहुबली २ के नेट ८९० करोड़ है। बाहुबली सीरीज के दोनों हिस्से २००० करोड़ का रिकॉर्ड कायम कर चुके हैं।  उधर आमिर खान की फिल्म दंगल चीन में रिलीज़ हो कर १००० करोड़ क्लब में शामिल होने वाली दूसरी भारतीय फिल्म बन गई है। लेकिन, बाहुबली २ को अभी चीन में रिलीज़ होना है।  बाहुबली २ को विदेशों में जिस प्रकार की सफलता मिली है, उसे देखते हुए कोई संदेह नहीं अगर बाहुबली २ आमिर खान की दंगल को चीनी बॉक्स ऑफिस पर धूल न चटा दे।   
इसीलिए, बॉलीवुड के तमाम बड़े सितारे सदमे में हैं। किसी आमिर खान, सलमान खान और शाहरुख़ खान के सामने ४०० करोड़ या ५०० करोड़ क्लब में शामिल होने की चुनौती होगी। क्या बॉलीवुड के खान अथवा दूसरे एक्टर अक्षय कुमार या अजय देवगन इस कीर्तिमान को चुनौती देना चाहेंगे ? अक्षय कुमार और अजय देवगन से तो ऎसी चुनौती स्वीकार होने वाली नहीं। पिछली तीन चार फ्लॉप फ़िल्में देने वाले रणबीर कपूर भी कोई चुनौती स्वीकार नहीं कर सकते। इनकी फ़िल्में १०० करोड़ क्लब में शामिल होने तक ही सीमित होती है।  ३०० और ४०० क्लब का खेल तो खान अभिनेता ही खेलते हैं।  इसलिए पहला इम्तिहान सलमान खान का होगा।  उनकी फिल्म ट्यूबलाइट ईद वीकेंड पर २३ जून को रिलीज़ होगी।  अमूमन, सलमान खान की फ़िल्में ईद  वीकेंड पर रिलीज़ होकर बढ़िया वीकेंड निकालती हैं। लेकिन, सलमान खान भी इसी फिराक में रहते हैं कि उनकी फिल्म कितनी जल्दी १०० करोड़ या २०० करोड़ निकाल ले जाती है। उनके सामने शाहरुख़ खान ही ख़ास चुनौती होते हैं। ट्यूबलाइट, एक था टाइगर और बजरंगी भाईजान जैसी फिल्मों के निर्देशक कबीर खान की फिल्म है।  लेकिन, यह फिल्म एक कमज़ोर दिमाग वाले व्यक्ति की चीनी लड़की से रोमांस की कहानी है।  इस फिल्म में सलमान का साथ देने के लिए कोई कैटरीना कैफ या अनुष्का शर्मा नहीं, बल्कि चीनी अभिनेत्री झू झू है।  उन्हें हिंदुस्तान में कोई दर्शक नहीं पहचानता।  इसलिए ट्यूबलाइट से २०० करोड़ क्लब में शामिल होने की उम्मीद ही की जा सकती है। चीनी बाजार में रिलीज़ होकर इस फिल्म का वर्ल्डवाइड बिज़नेस ही सुधरेगा।  
रणबीर कपूर और कैटरीना कैफ की जग्गा जासूस १४ जुलाई को रिलीज़ हो रही है। यह फिल्म भी सुपर पावर रखने वाले एक दिमाग से कमज़ोर युवा की है।  यानि दोनों फिल्मों के मुख्य चरित्र काफी समानता वाले।  अलबत्ता, जग्गा जासूस कॉमेडी से भरपूर रोचक फिल्म है।  इसके बावजूद इस फिल्म से बाहुबली २ को चुनौती देने की उम्मीद नहीं की जा सकती।  स्वतंत्रता दिवस वीकेंड पर शाहरुख़ खान और अनुष्का शर्मा की फिल्म द रिंग रिलीज़ हो रही है।  इम्तियाज़ अली पहली बार इस जोड़ी के साथ फिल्म बना रहे हैं।  इस फिल्म में शाहरुख़ खान एक टूरिस्ट गाइड की भूमिका में हैं।  यह फिल्म समसामयिक रोमांस वाली फिल्म है।  इम्तियाज़ अली कहते हैं, "इस फिल्म का रोमांस पहले कभी नहीं देखा गया। " क्या ऐसे रोमांस वाली फिल्म से बाहुबली २ के कीर्तिमान को चुनौती की उम्मीद की जा सकती है ? इसी प्रकार से अक्टूबर में रिलीज़ होने जा रही फिल्म सीक्रेट सुपरस्टार को आमिर खान की फिल्म के बतौर प्रचारित किया जा रहा है।  लेकिन इस फिल्म में आमिर खान की विस्तारित मेहमान भूमिका है। दर्शक इस फिल्म को आमिर खान की फिल्म की तरह देखने जायेंगे ? लगता नहीं।  
दो फ़िल्में ऎसी हैं, जिन पर बड़ा बिज़नेस करने की उम्मीद की जा रही है।  संजय लीला भंसाली की ऐतिहासिक रोमांस फिल्म पद्मावती १७ नवंबर को रिलीज़ हो रही है।  गोलियों की रासलीला: राम लीला और बाजीराव मस्तानी जैसी सुपर हिट फिल्मों की रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण की जोड़ी की इस फिल्म में शाहिद कपूर भी हैं।  इस फिल्म को २०० करोड़ क्लब में शामिल होने का मौक़ा मिल सकता है।  लेकिन क्या इसे ४०० क्लब छूने वाली फिल्म समझा जाए ? 
साल की आखिरी बड़ी फिल्म सलमान खान और कैटरीना कैफ की जोड़ी वाली फिल्म टाइगर ज़िंदा है होगी।  एक था टाइगर जैसी हिट फिल्म की इस सीक्वल फिल्म को आमिर खान की फिल्मों को फलने वाले क्रिसमस वीकेंड में २२ दिसंबर को रिलीज़ किया जा रहा है। यह फिल्म, हिट फिल्मों के बैनर यशराज फिल्म्स, सुल्तान जैसी फिल्म के निर्देशक अली अब्बास ज़फर और एक था टाइगर की सलमान खान और कैटरीना कैफ जोड़ी की है।  क्या तीन तीन सौ करोड़ क्लब की ईज़ाद करने वाले इतने सब सब लोग मिल कर टाइगर ज़िंदा है को ५०० करोड़ क्लब तक दौड़ा पायेंगे ?  उम्मीद की जा सकती है अगर यह फिल्म पूरे देश में ६५०० प्लस प्रिंट्स में रिलीज़ हो।  लेकिन, क्या ऐसा संभव होगा? उस समय तो फिल्म को १००० करोड़ कमाने की चुनौती का मुक़ाबला करना होगा। पर उम्मीद पर तो दुनिया जीती है।  टाइगर भी इसीलिए ज़िंदा है ! 

शनिवार, 13 मई 2017

अब सिद्धांत कपूर बने दाऊद इब्राहिम

अभी सिद्धांत कपूर के बॉम्बे बम ब्लास्ट के दोषी भगोड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के स्वांग वाले चित्र मीडिया पर पसरे पड़े थे।  इन चित्रों के साथ यह भी बताया गया था कि सिद्धांत ने  रोल के गेटअप में अपने  पिता और हिंदी फिल्मों के खलनायक शक्ति कपूर के सनग्लासेस और सूट का उपयोग किया था।  बताते चलें कि सिद्धांत कपूर का यह दाऊद अवतार अपूर्व लखिया की गैंगस्टर ड्रामा फिल्म हसीना  के लिए हुआ था।  इस फिल्म में उनकी बड़ी बहन श्रद्धा कपूर गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पार्कर का किरदार कर रही हैं।  सिद्धांत उनके रील लाइफ भाई दाऊद इब्राहिम का  किरदार  कर रहे हैं।
 बात यह नहीं है कि सिद्धांत अपने रोल के लिए क्या और कैसा गेटअप इस्तेमाल किया और कैसे किया ?  इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि सिद्धांत ने अपने विलेन के किरदार के लिए अपने पूर्व विलेन पिता की वस्तुएं  इस्तेमाल की।  सिर्फ गेटअप से किरदार पर कोई फर्क नहीं  पड़ता है।  सवाल यह है कि सिद्धांत कपूर रियल लाइफ करैक्टर, जिससे ज़्यादातर हिंदुस्तानी नफ़रत करते हैं, कितना वास्तविक या रियल  कर पाते हैं ? सिद्धांत कपूर के सामने कई रील लाइफ दाऊद इब्राहिम हैं, जिन्हे बॉलीवुड के कई  छोटे बड़े अभिनेताओं ने किया।  क्या अपनी पहली ही फिल्म से वह अपने वरिष्ठ अभिनेताओं के दाऊद को चुनौती दे पाएंगे ? आइये जानने की कोशिश करते हैं  ब्लैक फ्राइडे से लेकर हसीना तक के दाऊद और इस करैक्टर को करने वाले अभिनेताओं के बारे में।  यह अभिनेता अपने करैक्टर को कितना प्रभावशाली बना पाए ?
ब्लैक फ्राइडे का दाऊद विजय मौर्या
बॉलीवुड के अपराध फिल्मों के निर्माताओं में से एक अनुराग कश्यप की इस मामले में तारीफ की जाती है कि उन्होंने पहली बार अपनी फिल्म ब्लैक फ्राइडे (२००४) में दाऊद इब्राहिम का उसके नाम से चित्रण किया।  इससे  पहले कोई भी फिल्म निर्माता इतना साहस नहीं बटोर पाता था कि दाऊद इब्राहिम को बुरे किरदार में चित्रित कर सके।  १९९३ के बॉम्बे सीरियल बम ब्लास्ट पर अपनी इस फिल्म में दाऊद इब्राहिम को चिन्हित और इंगित किया था।  हालाँकि, यह फिल्म लम्बे समय तक सेंसर के लफड़े में फंसी रही।  लेकिन, इसके पीछे दाऊद इब्राहिम का ज़िक्र कारण नहीं था।  फिल्म में दाऊद का किरदार अभिनेता और लेखक विजय मौर्या ने किया था।  विजय ने अपने करियर की बड़ी शुरुआत रामगोपाल वर्मा की फिल्म सत्या में कल्लू मामा के गैंग के सदस्य के बतौर की थी।  वह अब तक २४ फ़िल्में कर चुके हैं।  डॉन के किरदार में विजय मौर्या के अभिनय की तारीफ हुई।  वह रियल डॉन के काफी करीब लग रहे थे।
रामगोपाल वर्मा की कंपनी और डी 
रामगोपाल वर्मा की फिल्म कंपनी (२००२) की कहानी विशुद्ध रूप से दाऊद इब्राहिम से प्रेरित थी।  लेकिन, वर्मा ने अपने किरदारों के नाम बदल दिए थे।  अजय देवगन ने फिल्म में दाऊद के रील लाइफ मलिक का किरदार किया था।  इस फिल्म से छोटा राजन के रोल (चंदू) में विवेक ओबेरॉय का बॉलीवुड डेब्यू हुआ था। अजय देवगन ने दाऊद के रील लाइफ किरदार का वास्तविक चित्रण किया था।  आठ साल बाद अजय देवगन दाऊद के गुरु हाजी मस्तान का किरदार सुल्तान मिर्ज़ा को फिल्म वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई में कर रहे थे। निर्माता रामगोपाल वर्मा की क्राइम फिल्म 'डी' का निर्देशन विश्राम सावंत ने किया था।  इस फिल्म में डी का मतलब देशु था।  यह फिल्म का नायक था।  लेकिन, जिस घटनाक्रम से इसका जिक्र हुआ था, वह काफी कुछ दाऊद इब्राहिम से प्रेरित था। रणदीप हुडा की बतौर नायक पहली फिल्म थी।  इस किरदार के लिए रणदीप की प्रशंसा हुई।  
दाऊद बनने का 'रिस्क' लिया  विनोद खन्ना ने
कोई पांच साल के अंतराल के बाद एक्टर विनोद खन्ना फिल्मों में वापसी कर रहे थे।  इस वापसी के लिए उनका डॉन का करैक्टर करना काफी रिस्की था।  लेकिन विनोद खन्ना ने यह रिस्क उठाया।  विश्राम सावंत की फिल्म रिस्क (२००७) में वह दाऊद  इब्राहिम का रील लाइफ किरदार खालिद बिन जमाल कर रहे थे।   हालाँकि, रिस्क के खालिद के दाऊद इब्राहिम से प्रेरित होने से सभी इंकार कर रहे थे।  लेकिन, इस फिल्म की घटनाएं दाऊद द्वारा की गई वारदातों के काफी निकट थी।  विनोद खन्ना इस फ्लॉप फिल्म में अपने गैंगस्टर किरदार में काफी फबे थे।  
शूटआउट एट लोखंडवाला मे दाऊद का जिक्र
अपूर्व  लखियाऔर निर्देशित फिल्म शूटआउट एट लोखंडवाला (२००७) १९९१ के मशहूर लोखण्डवाला शूटआउट पर थी।  इस शूटआउट में खतरनाक गैंगस्टर माया डोलास पुलिस द्वारा घेर कर मार गिराया गया था।  फिल्म में माया डोलास का किरदार विवेक ओबेरॉय ने किया था।  इस फिल्म में ब्लैक फ्राइडे के बाद खुल कर दाऊद इब्राहिम का जिक्र किया गया था।  दरअसल माया डोलास कभी दाऊद इब्राहिम का गुर्गा था।  लेकिन, फिर उसने दाऊद के साथ विद्रोह कर दिया था।  इस पर दाऊद ने ही उसे मरवाने की सुपारी मुंबई पुलिस को दी थी।
मिलन लुथरिया के दो दाऊद
मिलन लुथरिया ने एक ही टाइटल वाली दो फिल्मों में दो अलग अलग दाऊद इब्राहिम पेश किये थे।  २०१० में रिलीज़ फिल्म वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई में सत्तर के दशक में बॉम्बे में वर्चस्व के लिए स्मगलरों के टकराव की कहानी का चित्रण किया था।  उनकी इस फिल्म में सुल्तान मिर्ज़ा और शोएब खान के चरित्र रियल स्मगलर हाजी मस्तान और दाऊद इब्राहिम के थे।  कभी दाऊद इब्राहिम सुल्तान मिर्ज़ा का दांया हाथ हुआ करता था।  लेकिन, उसकी खून खराबा करने की आदतों ने उसे सुल्तान से दूर कर दिया।  फिल्म में सुल्तान मिर्ज़ा का किरदार अजय देवगन ने और दाऊद इब्राहिम का किरदार इमरान हाश्मी ने किया था।  दोनों ही अभिनेता अपने किरदारों में काफी फबे थे।  मिलन ने जब दाऊद इब्राहिम की बॉम्बे को दिखाने के लिए सीक्वल फिल्म वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई दोबारा में कथानक को दाऊद इब्राहिम पर केंद्रित किया तो दाऊद इब्राहिम इमरान हाश्मी नहीं अक्षय कुमार बने थे।  इमरान हाश्मी की जगह आये इमरान खान।  उन्होंने शोएब के साथी असलम का किरदार किया था।  मगर फिल्म का सीक्वल ढीली कथा-पटकथा के कारण दर्शकों को आकर्षित नहीं कर सका।
शूटआउट एट वडाला में दाऊद
संजय गुप्ता ने अपनी फिल्म शूटआउट एट वडाला (२०१३) में मुंबई के हिन्दू गैंगस्टर मान्या सुर्वे के किरदार को महिमामंडित किया था।  कहानी के अनुसार मान्या सुर्वे की ताक़त से घबड़ा कर दाऊद इब्राहिम ने पुलिस की मदद से वडाला के कॉलेज में उसका एनकाउंटर करवा दिया था।  इस फिल्म में जॉन अब्राहम मान्या सुर्वे बने थे तथा दाऊद इब्राहिम और उसके बड़े भाई साबिर का किरदार सोनू सूद और मनोज बाजपेई ने किया था।  यह दोनों ही ज़बरदस्त अभिनेता हैं।  इन दोनों ने अपने किरदार बखूबी अंजाम दिए थे।  अब यह बात दीगर  है कि फिल्म को सेंसर बोर्ड के पचड़े से बचाने के लिए संजय गुप्ता ने इन दोनों किरदारों के नाम दिलावर और ज़ुबैर कर दिए।
जब चॉकलेटी ऋषि कपूर बने दाऊद
निखिल आडवाणी की फिल्म डी-डे  (२०१३)  भारत के रॉ एजेंट द्वारा दाऊद इब्राहिम का अपहरण कर भारत लाने के काल्पनिक मिशन पर फिल्म थी।  फिल्म में दाऊद के रील करैक्टर गोल्डमैन का किरदार बॉलीवुड के चॉकलेटी हीरो ऋषि कपूर ने किया था।  ऋषि कपूर ने दाऊद के हावभाव और चालढाल को बेहतरीन तरीके से अपनाया था।  फिल्म में उनके अभिनय की प्रशंसा हुई।
 दाऊद की फ्लॉप 'डी' कॉमेडी
दाऊद इब्राहिम के करैक्टर को अब तक की एक्शन थ्रिलर फिल्मों से अलग कथानक में पेश करने की कोशिश की निर्देशक विशाल मिश्रा ने।  उन्होंने कॉफ़ी विथ डी में एक पत्रकार द्वारा दाऊद इब्राहिम के लाइव इंटरव्यू को कॉमेडी के सहारे दर्शाने की कोशिश की थी।  फिल्म में सुनील ग्रोवर ने रील लाइफ अर्नब गोस्वामी का किरदार किया था, जो दाऊद  से लाइव इंटरव्यू करना चाहता है।  फिल्म में डी यानि दाऊद का किरदार अभिनेता ज़ाकिर हुसैन ने किया था।  लेकिन, ढीली ढाली कथानक वाली यह फिल्म फ्लॉप हो गई थी।
उपरोक्त रील लाइफ डी करैक्टरों पर बात करने से यह साफ हो जाता है कि दाऊद का किरदार करने के अपने खतरे हैं।  इस करैक्टर से लाउड होने की आज़ादी नहीं ली जा सकती।  इसका मज़ाक उड़ाना तो खतरनाक होगा। अजय देवगन और ऋषि कपूर जैसे अभिनेताओं ने इसे काफी संतुलित हो कर किया। नतीजे के तौर पर इनकी फिल्मों को सफलता मिली।  देखने वाली बात होगी कि सिद्धांत कपूर रील लाइफ दाऊद बन कर अपनी रील लाइफ में भी बहन हसीना को कितनी मदद कर पाते हैं।  क्योंकि, सिद्धांत का सशक्त अभिनय श्रद्धा के हसीना के किरदार को उभारने में मदद करेगा।  

मंगलवार, 21 फ़रवरी 2017

गठबंधनों के दौर में बॉलीवुड भी

राजनीती के क्षेत्र में, जहाँ उत्तर प्रदेश, पंजाब और गोवा में नए गठबंधन उभर कर आये हैं।  चुनाव परिणामों के बाद इन गठबंधनों से हुए फायदे और नुकसान का जायजा लिया जायेगा।  वही, पूरे देश का मनोरंजन करने वाले उद्योग मायानगरी बॉलीवुड में भी गठबंधनों का दौर चल रहा है।  फ़िल्में बनाने, उन्हें वितरित करने और फिल्मों में नए चेहरों को शामिल करने के रूप में गठबंधन होते नज़र आ रहे हैं।  इन गठबंधनों का उस समय ज़्यादा महत्त्व हो जाता है, जब हॉलीवुड के स्टूडियोज का फिल्म निर्माण के क्षेत्र में अनुभव कडुआ होता है।  किसी सेलिब्रिटी को शामिल करना भी फिल्म को सफल नहीं बना पाता।  इसलिए, इस रौशनी में गठबंधनों पर नज़र डालना दिलचस्प होगा।
वियान और इरॉस इंटरनैशनल करेंगे आर्केड गेम डेवलपमेंट
वियान  इंडस्ट्रीज लिमिटेड अब इरॉस के ट्रिनिटी पिक्चर्स के लिए करेगें आर्केड गेम विक्सित करेंगे। इसकी इसकी शुरूआत अमोल गुप्ते की स्पाय-सुपर हीरो फिल्म स्निफ’ से होगी। इस बॉलीवूड फिल्म में पहली बार किसी फिल्म के लिए इस तरह का आर्केड गेम बन रहा हैं। अमोल गुप्ते व्दारा निर्देशित फिल्म स्निफ की यह गेम वियान स्टुडिओज (वियान इंडस्ट्रीज की डिवीजन) एएए गेम डेवलपर्स व्दारा विकसित किया जा रहा हैं। 5 मई को रिलीज होनेवाली इस फिल्म के लिए बने गेम के उपयोगप्रकाशनविपणनके सारे आधिकार इरॉस के पास होंगें।  बकौल ट्रिनिटी चित्र के सीईओ अजीत ठाकुर, "यह गेम एक आम मोबाईक गेम नही होगाबल्कि यह बच्चों और बडों को अच्छा लगेगा। हम जल्द ही इसे लाँच करने जा रहें हैं। जिससे हमारे दर्शकों को फिल्म के पात्रों और उनके बारे में जानने मिलेगी ।"
अमेज़ॉन और सिनेस्तान का सहयोग 
अमेज़ॉन ने अब भारतीय फिल्म उद्योग पर निगाहें गड़ा रखी हैं। अमज़ॉन की भारत में कंपनी अमेज़ॉन प्राइम वीडियो इंडिया और सी इंटरनेशनल सेल्स की सब्सिडियरी यूनिट सिनेस्तान फिल्म कंपनी के बीच समझौता हुआ है।  इसके अंतर्गत अमेज़न टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के लिए आधिकारिक रूप से भारतीय फिल्मों का चयन करेगा।  इस के तहत ही टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के लिए देव भूमि का चयन किया गया है। कुछ दूसरे फेस्टिवल हॉफ इंटरनेशनल और बुसान फिल्म फेस्टिवल के लिए भी अमेज़ॉन ने भारतीय फिल्मों का चुनाव किया है। इसके अलावा अमेज़ॉन प्राइम वीडियो द्वारा द हंगरी का इंटरनेशनल को-प्रोडक्शन किया जायेगा।  इसमे एक अन्य कंपनी फिल्म लन्दन भी शामिल है। 
जॉन अब्राहम और क्रिअर्ज बनाएंगे फ़िल्में 
अपनी पहली ही फिल्म रुस्तम से सफलता के झंडे गाड़ने वाली क्रिअर्ज एंटरटेनमेंट ने २०१७ के लिए ज़बरदस्त तैयारियां कर रखी हैं। यह कंपनी बॉलीवुड अभिनेता जॉन अब्राहम की फिल्म निर्माण कंपनी जे ए एंटरटेनमेंट के साथ मिल कर कुछ मनोरंजक प्रोजेक्ट तैयार कर रही है।  इस कंपनी में प्रेरणा अरोड़ा और अर्जुन एन कपूर जैसे युवा निर्देशक शामिल हैं।  यह दोनों मिल कर छह फिल्मों का निर्माण करेंगे। यह गठबंधन हिंदी के अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में भी फिल्म बनाएगा। क्रिअर्ज एंटरटेनमेंट, दूसरे बॉलीवुड एक्टर्स के साथ भी फ़िल्में बनाएगा।  अक्षय कुमार के साथ रुस्तम बनाने के बाद टॉयलेट: एक प्रेम कथा भी बना रहा है।  इस कंपनी का अनुष्का शर्मा के प्रोडक्शन हाउस क्लीन स्लेट फिल्म्स के साथ भी गठबंधन हुआ है। अनुष्का शर्मा को बतौर प्रोड्यूसर अपनी पहली ही फिल्म एनएच १० से उत्साहजनक सफलता मिली थी।  इस  बैनर की अगली फिल्म फिल्लौरी रिलीज़ होने वाली है।
ब्रांड एम्बेसडर बने सोनू सूद और सोनम कपूर 
हिंदी फिल्मों के सितारों को ब्रांड एम्बेसडर बनाने का चलन काफी पहले से है।  इस सिलसिले की अगली कड़ी है आईजी इंटरनेशनल और सोनू सूद।  आईजी इंटरनेशनल ताज़े फल आयात करने वाली कंपनी है।  हिंदी और साउथ की फिल्मों में सामान रूप से लोकप्रिय तथा चीन के सहयोग से बनी फिल्म कुंग फू योग के एक्टर सोनू सूद इस कंपनी के लिए ताजे फलों का आहार लेने का सन्देश अपने दर्शकों और प्रशंसकों को देंगे।  इस कंपनी के लिए सोनू सूद ने बेल्जियम की फल कंपनी की भारत में शाखा बेल्जियन कांफ्रेंस पीअर्स का उद्घाटन भी किया। अभिनेत्री सोनम कपूर बॉलीवुड की स्टाइलिस्ट अभिनेत्री मानी जाती हैं।  वह युवा जनसँख्या के लिए फैशन, मेकअप और स्टाइल संबंधी उत्पादों का प्रचार करती रहती हैं।  स्विस लक्ज़री घड़ियों की निर्माता कंपनी  आयडब्ल्युसी शेफहाऊजेन ने भारत में अपने ब्रांडो की पब्लिसिटी करने के लिए अभिनेत्री को अपनी एम्बेसडर बनाया है। सोनम कपूर कहती हैं, “यह मेरे लिए सम्मान की बात हैं कि मुझे आयडब्ल्युसी की ब्रांड अम्बेसेडर बनकर भारत में इस ब्रांड का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिल रहा हैं। अपनी विशिष्टता को रचनात्मक तरीके से बताने की खूबी के लिए मैं आयडब्ल्युसी की मैं प्रशंसा करती हूँ।" 
मराठी फिल्म को हिंदी वालों का सहयोग 
बॉलीवुड की हिंदी फिल्म निर्माण से जुड़ी हस्तियां या कंपनियां हिंदी फिल्मों तक सीमित नहीं। एरोस इंटरनेशनल क्षेत्रीय भाषाओँ की फ़िल्में भी बना रही है।  हिंदी फिल्म वाले मराठी फिल्मों के निर्माण में सहयोग कर रहे हैं।  अभी अब्बास-मुस्तान की पूरी फिल्म यूनिट फैशन डिज़ाइनर से फिल्म निर्देशक बने विक्रम फडनीस की मराठी फिल्म हृदयांतर की शूटिंग करती नज़र आई। विक्रम पिछले १० सालों से अबास-मुस्तान की फिल्मों की ड्रेस डिजाइनिंग करते आ रहे हैं। ऐसे में, जब विक्रम फडनीस ने अब्बास-मुस्तान जोड़ी से मदद मांगी तो इन  दोनों ने अपना सिनेमेटोग्राफर तक शूटिंग के लिए भेज दिया।  
नए लोगों का साथ 
कभी  कुछ ख़ास कलाकारों के साथ ही  बनाया करते थे।  हालाँकि, यह सिलसिला आज भी जारी है।  लेकिन, इसके बावजूद, इंडस्ट्री में दसियों साल गुजारने के बाद भी साथ काम न कर पाए लोग, अब एक साथ फ़िल्में कर रहे हैं।  इसका एक उदाहरण रोहित शेट्टी की गोलमाल सीरीज की फ़िल्में हैं।  गोलमाल सीरीज की अब तक की तीन फिल्मों में अजय देवगन, अरशद वारसी, शरमन जोशी और तुषार कपूर के  चेहरे ही नज़र आया करते थे।  लेकिन, अब इसमे बदलाव होता नज़र आ रहा है।  रोहित शेट्टी की फिल्म गोलमाल अगेन में नायक अजय देवगन ही होंगे।  मगर बाकी के चेहरों में बदलाव हुआ नज़र आता है।  अजय देवगन की पिछली दो फिल्मों की नायिका करीना कपूर की जगह परिणीति चोपड़ा ने ले ली है।  अजय देवगन के साथ फिल्म विजयपथ से करियर की शुरुआत करने वाली तब्बू को भी नील नितिन मुकेश के साथ फिल्म में शामिल किया  गया है।  यह तीनों पहली बार रोहित शेट्टी के साथ होंगे। अदिति राव हैदरी को भी अपने पसंदीदा निर्देशकों के साथ फ़िल्में करने का मौक़ा मिल रहा है।  वह मणि रत्नम के साथ पहली बार एक तमिल फिल्म कर रही हैं। प्रियंका चोपड़ा के साथ मेरी कॉम जैसी अवार्ड विनिंग फिल्म बनाने वाले ओमुंग कुमार की संजय दत्त पर बायोपिक फिल्म भूमि में अदिति संजय दत्त की बेटी की किरदार कर रही हैं।  फिल्म निर्देशन के क्षेत्र में एक पेंटर सुमित मिश्र ने दस्तक दे दी है।  बनारस की पृष्ठभूमि पर उनकी फिल्म अगम - शिव शव और तंत्र की शूटिंग शुरू हो चुकी है।  फिल्म राजा एब्रोडिया में थिएटर एक्टर रोबिन सोही मिस इंडिया वैष्णवी पटवर्धन के नायक हैं।  इस फिल्म की शूटिंग भारत के साथ जर्मनी में भी होगी। 
संगीत के क्षेत्र में भी सहयोग 
मशहूर म्यूजिक कंपनी टी-सीरीज ने हिंदी के साथ साथ क्षेत्रीय संगीत के दिशा में भी काम किया है।  खास तौर पर पंजाबी संगीत को टी-सीरीज ने सक्रिय सहयोग दिया है।  पंजाबी पॉप सिंगर दिलबाग सिंह के सिंगल अर्बन छोरी को टी सीरीज ने जोर शोर से जारी किया है।  इस सिंगल के वीडियो में एली एवराम और दिलबाग थिरकते नज़र आते हैं।  इस सिंगल के वीडियो को यू ट्यूब पर ज़बरदस्त रिस्पांस मिला है।  पॉप म्यूजिक को पसंद करने वालों के लिए डीजे शैडो, सीन पॉल और बादशाह का साथ उत्तेजित करता है। यही कारण है कि  इन तीनों का कंपोज़ मूव योर बॉडी पूरी दुनिया में ज़बरदस्त सफल हुआ है।   इसी साल, एआर रहमान ने कनाडा की कंपनी आइडियल एंटरटेनमेंट के साथ अनुबंध किया है।  वह इस कंपनी के साथ तीन फ़िल्में ले मस्क, ९९ सांग्स और वन हार्ट पर काम कर रहे हैं।  

बुधवार, 8 फ़रवरी 2017

बॉक्स ऑफिस के गोल्ड अक्षय कुमार

बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार की कॉमेडी ड्रामा फिल्म जॉली एलएलबी २ इस शुक्रवार (१० फरवरी) रिलीज़ होने जा रही हैं।  २०१३ की हिट फिल्म जॉली एलएलबी की इस सीक्वल फिल्म के इकलौते बड़े नाम अक्षय कुमार ही हैं।  फिल्म में उनकी नायिका कोई कैटरिना कैफ या प्रियंका चोपड़ा नहींबल्कि मामूली करियर वाली एक्ट्रेस हुमा खान उनकी नायिका है।  इसके बावजूद फिल्म के सौ करोड़ क्लब में शामिल होने की उम्मीद की जा रही है तो इसलिए कि अक्षय कुमार फिल्म इंडस्ट्री के सबसे विश्वसनीय एक्टर माने जाते हैं।  उनकी फ़िल्में मध्यम बजट में बन जाती हैं।  दर्शकों को अक्षय की फिल्मों का इंतज़ार होता है। यह तब है जब उनकी साल में एक नहीं तीन तीन फ़िल्में तक रिलीज़ हो जाती हैं। क्योंकि, दर्शक जानता है कि फिल्म अक्षय कुमार की है तो कुछ अलग देखने को मिलेगा ।  इसलिए इस कॉमेडी हिट फिल्म के सीक्वल का  बॉक्स ऑफिस पर हिट होना तय माना जा रहा है।  जॉली एलएलबी २ वैलेंटाइन डे वीक में रिलीज़ हो रही है।  ज़ाहिर है कि हफ्ता हल्की फुल्की कॉमेडी फिल्म के लिए बढ़िया है। 
तीन हजार करोड़ के अक्षय कुमार

अक्षय कुमार की विश्वसनीयता प्रमाणित है।  उनकी फिल्मों की सफलता का पैमाना पचास प्रतिशत का है।  कनाडा की राष्ट्रीयता वाले अक्षय कुमार ने १९८७ में महेश भट्ट की फिल्म आज में एक छोटी भूमिका से अपने फिल्म करियर का आगाज़ किया।  बतौर नायक उनकी पहली फिल्म राज सिप्पी निर्देशित पारिवारिक एक्शन फिल्म सौगंध (१९९१)  थी।  केवल ५ करोड़ में बनी यह फिल्म बुरी तरह से फ्लॉप हुई।  तीन फ्लॉप फिल्मों सौगंधडांसर और मिस्टर बांड के बाद खिलाड़ी को सफलता मिली।  लेकिनइस फिल्म के बाद अक्षय कुमार खिलाड़ी कुमार बन गए।  वह अपने धुरंधर एक्शन दृश्यों के कारण निकनेम एके ४७ की तरह मशहूर हो गए।  अक्षय कुमार ने अब तक करीब १०९ फिल्मों में नायक की भूमिका की है।  इनमे से उनकी आठ फ़िल्में ब्लॉकबस्टर या सुपर हिट फिल्मों में शुमार हैं।  १९ फ़िल्में हिट या सेमी- हिट हैं। २८ फिल्मों को औसत सफलता मिली है।  ५४ फ़िल्में फ्लॉप हुई हैं।  यानि सफलता का औसत ५० प्रतिशत है ।  अक्षय कुमार की फिल्मों ने ३ हजार करोड़ से ज़्यादा का बॉक्स ऑफिस  कलेक्शन किया है।  उनकी हर फ़िल्म औसतन २७ करोड़ का कलेक्शन कर ले जाती हैं। 
अक्षय कुमार की शुरूआती फ़िल्में फ्लॉप

अक्षय कुमार की फ्लॉप ५४ फिल्मों में ज़्यादातर उनके करियर की शुरूआती फ़िल्में हैं।  उन्होंने यह फ़िल्में खिलाड़ी  अभिनेता बनने दौरान आनन फानन में साइन की थी।  कैसी विडम्बना है कि अपने एक्शन के लिए मशहूर अक्षय कुमार की फ्लॉप फिल्मों में ९० प्रतिशत से ज़्यादा फ़िल्में एक्शन फ़िल्में थी।  उनकी बड़ी फ्लॉप फिल्मों में मैदान-ए- जंगआरज़ूतलाश : द हंट बेगिंसआन: मेन ऐट वर्कअब तुम्हारे हवाले वतन साथियोंइंसानजानी दुश्मन :एक अनोखी कहानीपुलिस फ़ोर्स: ऐन इनसाइड स्टोरीफॅमिली: टाईज ऑफ़ बांडटशनचांदनी चौक टू चाइना,  ब्लूएक्शन रीप्लेपटियाला हाउसथैंक यूजोकरवन्स अपॉन अ टाइम इन मुम्बई दोबाराब्रदर्स और सिंह इज ब्लिंग के नाम उल्लेखनीय हैं।  एक ख़ास बात और कि अक्षय की ज़्यादातर फ्लॉप फ़िल्में सितारा बहुल फ़िल्में थी।  उनके खाते में ब्लू जैसी पहली भारतीय अंडर सी फिल्म भी शामिल है।  यह सबसे महंगी फिल्मों में भी शुमार है। 
पारिवारिक फ़िल्में भी रही औसत

२१ वी सदी के शुरू होने के साथ ही अक्षय कुमार का सितारा चमकने लगा।  उन्हें खुद को हरफनमौला अभिनेता के तौर पर स्थापित करने का मौका मिला।  २००० में उनकी तीन फ़िल्में रिलीज़ हुई।  यह फ़िल्में भिन्न शैली की फ़िल्में थी।  प्रियदर्शन की फिल्म हेरा फेरी विशुद्ध कॉमेडी फिल्म थी।  धर्मेश दर्शन की फिल्म धड़कन पारिवारिक फिल्म थी।  नीरज वोरा निर्देशित फिल्म खिलाड़ी ४२० एक्शन फिल्म थी। पहली दो फिल्मों में अक्षय कुमार के साथी दूसरे समकालीन एक्शन स्टार सुनील शेट्टी थे।  इन फिल्मों ने औसत से ज़्यादा बिज़नस किया।  अक्षय कुमार की औसत या औसत से ज़्यादा बिज़नस करने वाली फिल्मों में धड़कन के अलावा आँखेंइंटरनेशनल खिलाडीहेरा फेरीअजनबीआवारा पागल दीवानायह दिल्लगीदोस्ती: फ्रेंड्स फॉरएवरमिस्टर एंड मिसेज खिलाड़ीइन्साफ : द फाइनल जस्टिसएक रिश्ता : द बांड ऑफ़ लवखाकीऐतराज़बेवफावक़्त: द रेस अगेंस्ट टाइमदे दना दनदेसी बॉयजखिलाड़ी ७८६ और स्पेशल २६ के शीर्षक शामिल हैं।  अक्षय कुमार की यह फ़िल्में भिन्न शैली में बनी फ़िल्में थी।  यह एक्शन फ़िल्में भी थीकॉमेडी भी और पारिवारिक फ़िल्में भी। 
बॉक्स ऑफिस का हिट 'खिलाड़ी अभिनेता'

कभी हिन्दी फिल्मों में मार्शल आर्ट्स के सहारे अपनी पहचान बनाने वाले अक्षय कुमार को कॉमेडी ने सफल बनाया।  उनकी बॉक्स ऑफिस पर हिट हुई १९ फिल्मों में कॉमेडी या एक्शन कॉमेडी फ़िल्में ज़्यादा थी।  उनकी हिट कॉमेडी फिल्मों में गरम मसालाभूल भुलैयाहे बेबीमुझसे शादी करोगीभागम भागहॉउसफुल और हॉउसफुल ३ के टाइटल शामिल हैं।  अक्षय की हिट फिल्मों में सुहागमोहरासबसे बड़ा खिलाड़ीखिलाडियों का खिलाड़ी और गब्बर इज बैक हैं तो तो जानवरनमस्ते लन्दनअंदाज़ और बेबी जैसी भिन्न शैली में बनी फ़िल्में भी शामिल हैं।   पिछले तीन चार सालों में अक्षय कुमार ने फ़िल्में चुनने का तरीका बदला है।  उन्होंने भिन्न कथानकों वालीथोड़ा देश भक्ति का तड़का समेटे और सामान्य से एक्शन वाली फ़िल्में चुननी शुरू की।  हॉलिडे, गब्बर इज बैक और बेबी जैसी फिल्मों से अक्षय को अपनी विश्वसनीयता साबित करने में मदद मिली। 
सुपर हिट होता है कॉमेडी से भीगा एक्शन कुमार

अक्षय कुमार की २००६ में रिलीज़ कॉमेडी फिल्म फिर हेरा फेरी सुपर हिट हुई  थी।  इस फिल्म के बादअक्षय कुमार ने एक्शन  कॉमेडी फिल्म वेलकमसिंह इज ब्लिंग और राउडी राठौर के ज़रिये खुद को मज़बूत साबित किया।  अक्षय कुमार के अभिनेता के लिए ख़ास रही ओह माय  गॉडएयरलिफ्ट और रुस्तम जैसी फिल्मों की सफलता।  यह फ़िल्में कंटेंट के लिहाज़ से बिलकुल अलग थी।  इन फिल्मों में अक्षय कुमार को अपने अभिनय के जौहर दिखाने का मौक़ा मिला था।  इन फिल्मों की १०० करोड़िया सफलता से यह साबित होता था कि अक्षय कुमार अब कंटेंट के लिहाज़ से अलग और खुद पर फबने वाली फ़िल्में साइन करने लगे हैं।  ऎसी फिल्मों के कारण अक्षय कुमार को सलमान खान और शाहरुख़ खान से अलग भिन्न शैली की फ़िल्में करने वाला अभिनेता भी साबित कर दिया।  अक्षय कुमार की फिल्मों की खासियत होती है कि ज़्यादातर फ़िल्में भारी बजट की नहीं होती।  इनके निर्माताओं के लिए मुनाफ़ा कमाना आसान होता है। 
इस समय अक्षय कुमार की कम से कम चार फ़िल्में रिलीज़ होंगी।  जॉली एलएलबी २ के अलावा टॉयलेट एक प्रेम कथा और २.० को इस साल रिलीज़ होना हैं।  टॉयलेट एक प्रेम कथा प्रधान मंत्री के स्वच्छता अभियान को सपोर्ट करने वाली फिल्म हैंजिसमे गाँव में स्वच्छता की दुर्दशा का रोमांटिक चित्रण हुआ है।  रजनीकांत की फिल्म रोबोट की सीक्वल फिल्म २.० में अक्षय कुमार का विलेन का किरदार करनाउनकी अलग करैक्टर करने की इच्छा को दर्शाता ही हैयह भी बताता है कि दक्षिण में भी काफी दर्शक अक्षय कुमार के प्रशंसक हैं।  वह इस दौरान बेबी की प्रीकुएल फिल्म नाम शबाना में भी नज़र आ सकते हैं।  नीरज पाण्डेय के साथ उनकी चौथी फिल्म क्रैक होगी।  यह एक थ्रिलर फिल्म होगी।  अक्षय कुमार का रीमा काटगी की फिल्म गोल्ड में मशहूर हॉकी खिलाड़ी और ओलिंपियन बलबीर सिंह का किरदार करना उनकी भिन्न भूमिकाएं करने की भूख को ही दर्शाता है।  

Actors who aced the Anti-Hero roles on screen

  Bollywood has always loved its heroes, but it's the anti-heroes, the flawed, unpredictable, and dangerous ones, who often steal the sh...