उच्चतम न्यायलय द्वारा जल्लीकट्टू पर प्रतिबन्ध के कारण तमिल सेंटिमेंट बुरी तरह से आहत हैं। जल्लीकट्टू तमिल परंपरा से जुड़ा खेल है. इसमें एक सांड को भीड़ के बीच में छोड़ दिया जाता है। अब भीड़ के लोग उस साँड़ की गर्दन से लटक कर उसे रोकने का प्रयास करते हैं। कभी यह प्रतियोगिता भी होती है कि कौन कितनी देर तक गर्दन से लटका रहता है या साँड़ की सींग पर लगे झंडे को उतार लाता है। यह खेल पोंगल के दौरान खेला जाता है। इसम जानवर की जान नहीं जाती। अलबत्ता भीड़ में किसी पर साँड़ के हमले से कोई घायल या मर सकता है। लेकिन, ऐसे उदाहरण काफी कम है। वैसे इस खेल पर रोक उस आदमी की अपील पर लगी, जिसके बेटे की मौत साँड़ के रौंदने से हो गई थी।
जल्लीकट्टू को लेकर तमाम तमिल फिल्म स्टार भी आंदोलित हैं। इनमे रजनीकांत, कमल हासन, धनुष, सूर्या, अजित, आदि के नाम शामिल हैं। दक्षिण की फिल्मों में भी जल्लीकट्टू का फिल्मांकन हुआ है। जल्लीकट्टू दिखाने वाली पहली फिल्म तमिल भाषा में मुरत्तु कालै यानि दुष्ट बैल (१९८०) थी। इस फिल्म के नायक रजनीकांत थे। देखिये इस फिल्म में जल्लीकट्टू का दृश्य -
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