मंगलवार, 1 नवंबर 2011

आइटम सॉन्ग्स में नाम हुआ बदनाम

हर नाम कुछ कहता है। वह चाहे रावण हो या कंस, धृतराष्ट हो या फिर चंगेज, औरंगजेब... मगर नाम जब बदनामी की हद को पार कर जाता है, तब उन नामों से लोगों को परहेज होने लगता है, इसलिए रावण और कंस जैसे नाम एक ही होकर रह गए। इन नामों को रखने का या तो किसी में साहस नहीं है या शर्म के कारण उससे परहेज रखना बेहतर समझा जाता है। कुछ ऎसा ही वाकया खलनायक प्राण के नाम के साथ हो गया था। ताजा समस्या मुन्नी और शीला के नाम के साथ हो गई है... मुंबई से आनंद भारती की रिपोर्ट
दबंग का गाना मुन्नी बदनाम हुई... ने जिस तरह शोहरत हासिल की है, उसने दबंग की कमाई में करोड़ों का इजाफा कर दिया। अब बारी तीस मार खां की है। यूं तो उसका गाना शीला की जवानी... फिल्म रिलीज से पहले हिट हो चुका... अब बस बॉक्स ऑफिस से तिजोरी भरने का इंतजार है। गौरतलब है कि इन्हीं गानों को निर्माता-निर्देशकों ने प्रमोशन का सबसे बड़ा औजार बना दिया। एक बात और भी सही है कि अगर मुन्नी इस तरह करोड़ों लोगों के तन-मन पर छा नहीं गई होती, तो शीला को भी इस तरह पेश नहीं किया जाता। मुन्नी के सामने शीला को खड़ा करने के लिए फराह खान ने आमिर की स्टाइल में पब्लिसिटी का धंधा शुरू किया। कैटरीना कैफ को शीला के तौर पर और मलाइका अरोड़ा खान को मुन्नी के तौर पर पहचान मिल गई है। यह नया नाम उनके लिए गलत है या सही यह विवाद का विषय हो सकता है, लेकिन फिल्मों के व्यवसाय के लिए निश्चित तौर पर फायदेमंद है।
क्या होगा मुन्नी-शीला का?
देशभर में मौजूद मुन्नी और शीला का क्या होगा, जिन्हें अपने गली-मुहल्लों में निकलने के बाद गाने के ताने सुनने को मिल रहे हैं। बेवजह छेड़ा जा रहा है उन्हें। मुन्नी बहुत ही प्यार का नाम अब तक माना गया है और शीला में पवित्रता का बोध होता है, मगर मुन्नी का गाना चकलाघर के सीन क्रिएट कर रहा है, तो शीला की जवानी या तो मस्तराम के उपन्यास को पुनर्जीवित कर रही है या हिंदी की सी-डी गे्रड की कोई फिल्म जैसी लग रही है। पता नहीं मुन्नी या मुनिया जिस प्यार और स्नेह के अंदाज में बोला जाता था, उसका क्या होगा?
शीला-मुन्नी पहुंची कोर्ट
मुंबई से सटे ढाणे में दो बहनों के साथ जो हुआ, उससे तो लगता है परेशानी बढ़ने वाली है। ढाणे शहर के गोस्वामी परिवार ने ढाणे कोर्ट में याचिका दायर कर दोनों गानों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। इस परिवार में मुन्नी और शीला नाम की दो बहने हैं। दोनों विवाहित हैं और उनके बच्चे भी हैं। उनके बच्चों को भी बाकी बच्चे चिढ़ाने लगे हैं। दोनों बहनों का गली मुहल्ले में निकलना मुश्किल हो गया है। गोस्वामी परिवार ने दोनों के नाम भी बदलने के लिए कोर्ट में अर्जी लगाई है। मुन्नी और शीला का कहना है कि चैनलों पर बार-बार गानों को दिखाए जाने के कारण उनकी छवि खराब हुई है।
फिल्म और गाने के हिसाब से देखा जाए, तो 2010 में ये दोनों गाने सुपरहिट हो चुके हैं। फराह खान ने बातचीत में कहा कि गाने को गाने के रूप में लीजिए। कैटरीना खुश थीं कि यह आइटम सांग उनके फिल्मी कॅरियर का सबसे हिट और जोशीला सांग है। इसमें भले ही लोगों को खुलापन महसूस हो, लेकिन इसमें एक सोच भी है। जब सलमान से पूछा गया कि दोनों गानों में से एक में आपके भाई की पत्नी मलाइका हैं और दूसरे में आपकी चहेती कैटरीना... आपको इनमें कौन पसंद है, तो उन्होंने गोलमोल जवाब दिया, शीला की मुन्नी पसंद है। एक पे्रस कॉन्फ्रेंस मे जब मलाइका से पूछा गया कि नए साल के मौके पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में आप शीला की जवानी गाने पर डांस करेंगी, तो उनका जवाब था कि मेरे डांस के ही इतने गाने हैं कि फुर्सत नहीं मिलेगी यानी वो उस गाने पर डांस नहीं करेंगी। जाहिर है कैट भी मुन्नी पर डांस करने से बचेंगी। रिएलिटी शो झलक दिखला जा में मुन्नी और शीला का आमना-सामना हुआ, लेकिन दोनों के बीच बातचीत ना के बराबर हुई। कैट ने स्वीकार किया है कि फराह खान ने डांस के पहले माधुरी के डांस की सीडी देकर लगातार देखने के लिए कहा था। उस डांस से कैट को काफी कुछ सीखने को मिला। डांस की जानकारी रखने वाले तो कहते हैं कि आज की पीढ़ी को शीला की जवानी ज्यादा इसलिए पसंद है, क्योंकि इसमें माधुरी और शकीरा के स्टेप मिले हुए हैं। कैट खुश हैं कि उनके इस डांस में शकीरा के ठुमके दिखाई पड़ रहे हैं।
मुन्नी पर शीला भारी
दोनों गानों के नेट सर्वे में जो रिजल्ट आए हैं, उनमें मुन्नी पर शीला भारी पड़ गई है। शीला को ज्यादा वोट मिले हैं, शायद इसलिए कि मुन्नी के बाद शीला आई और मुन्नी के मुकाबले में आने के लिए ज्यादा मेहनत की गई। शीला शहरी है, जबकि मुन्नी गांव की है। मुन्नी देसी ठुमके लगाती है, जबकि शीला देसी-विदेशी दोनों ठुमके लगा रही है। हालांकि मलाइका ने कई आइटम सांग किए हैं। वह काफी सैक्सी डांसर मानी जाती हैं। कैटरीना अपनी खूबसूरती के लिए हिंदी फिल्म उद्योग में सबसे ऊपर आ गई हैं और दुनिया की सैक्सी महिलाओं में कैटरीना का नाम ही शीर्ष पर चल रहा है। उनके प्रति आकर्षण है। मलाइका से कैट ज्यादा बड़ी सेलिबे्रटी हैं।
खतरनाक संकेत
इसके आगे क्या होगा, पता नहीं ? हां, इतना जरूर है कि हेलन का मेरा नाम चिन चिन चू... पिया तू अब तो आ जा... माधुरी का एक दो तीन... धक-धक करने लगा... चोली के पीछे... परवीन बॉबी का जवान जाने मन... बिपाशा का बीड़ी जलाइ ले... शिल्पा शेट्टी का यूपी बिहार लेई ले... मलाइका का छैंया छैंया... व ऎश्वर्या का कजरारे... अपनी जगह अभी भी सुपरहिट हैं। उन गानों में और शीला-मुन्नी में एक फर्क है, वह यह कि यदि उन गानों को चैनलों का हाइप मिलता, तो पता नहीं क्या हो जाता। हेलेन, परवीन के समय तो चैनल थे ही नहीं, ना ही प्रमोशन का तरीका आज की तरह आक्रामक था। वैसे चोली के पीछे गाने पर भी अश्लीलता का ठप्पा लगा था और इस पर काफी विवाद भी हुआ था। उस गाने का असर कैट की शीला पर दिखाई पड़ता है। मुन्नी और शीला मे भी एक फर्क बखूबी देखा जा सकता है, वह यह कि मुन्नी खुद प्रचारित हुई, चैनल पब्लिसिटी बाद में हुई, जबकि शीला को शुरू से ही वहीं रख दिया गया। फिल्मों के लिए यह एक खतरनाक संकेत है कि उसे कहानी-एक्टिंग से ना जानकर एक आइटम से जाना जाए।
क्यों चुप है समाज और सरकार?
शीला और मुन्नी मुद्दे में मजेदार टिप्पणियां बार डांसरों की ओर से मिली हैं। गौरतलब है कि इन दिनों जो काम मलाइका मुन्नी बन और कैटरीना शीला बन कर रही हैं, वही काम कभी मुम्बई-महाराष्ट्र में बार डांसर किया करती थीं। उनकी आपत्ति है कि हमारे डांस पर सरकार को आपत्ति थी, मगर इन गानों और डांस पर किसी को कोई आपत्ति क्यों नहीं हो रही है? हम तो एक हॉल में कुछ लोगों के बीच डांस करते थे, मगर मुन्नी और शीला को तो सरेआम नचाया जा रहा है, इस पर पूरा समाज न सिर्फ चुप है, बल्कि एंजॉय भी कर रहा है, क्यों? बार डांसर्स का कहना सही है कि उनकी आमदनी सीमित थी, घंटों नाचना पड़ता था, जबकि यह नई मुन्नी और शीला तो करोड़ों में खेलती है और समाज में उनकी इज्जत भी है। सरकार और समाज का यह कैसा न्याय है?
हमारे डांस को हमेशा अश्लील करार दिया गया है, मगर हमारी ही तरह हिंदी में डांस करने वाली को सिर का ताज बनाया जा रहा है। फिर भी हमें खुशी है कि भोजपुरी आइटम को हिंदी में विस्तार दिया जा रहा है, मगर हम शीला और मुन्नी जैसे नाम का सहारा नहीं लेते हैं... हम भले बदनाम हो जाते हैं, मगर किसी को बदनाम नहीं करते हैं।
सीमा सिंह
भोजपुरी फिल्मों की आइटम डांसर
विवादित गीत...
हिंदी फिल्मों के गीत-संगीत में अश्लीलता का दौर सही मायने में 90 के दशक से शुरू हुआ। तब से लेकर अब तक दर्जनों ऎसे गीत लिखे गए, जिन पर आपत्ति दर्ज हुई। यहां पेश हैं उन्हीं विवादित गीतों में से कुछ चुनिंदा गीत...
खुद्दार
गीत: सेक्सी सेक्सी सेक्सी मुझे लोग बोलें... आपत्ति करने पर सेक्सी की जगह बेबी किया गया। ऎसा ही गाना फिल्म दुलारा का आया, मेरी पेंट भी सेक्सी...पर इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ।
खलनायक
गीत: चोली के पीछे क्या है... यह सिने जगत के सबसे ज्यादा विवादित गानों में से है।
दलाल
गीत: चढ़ गया ऊपर रे अटरिया पे लोटन कबूतर रे...गुटुर गुटुर...
अंदाज
गीत: खड़ा है खड़ा है खड़ा है...दर पे तेरे आशिक खड़ा है...
गीत: मैं माला गाड़ी तू धक्का लगा, गरम हो गया इंजन मेरा...
राजा बाबू
गीत: सर काइलो खटिया जाड़ा लगेे...
दिल से
गीत: चल छैंया छैंया... इसमें "पांव के नीचे जन्नत होगी" लाइन है, जिसे लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई थी।
बिल्लू
गीत: मरजानी मरजानी... इस गाने की लाइन "रब की हुजूर मैं कसमें जो खाई" पर ऎतराज किया गया।
अमानत
दिन में लेती हूं रात को लेती हूं...
13बी
गीत: ओह सेक्सी मामा... मामा को सैक्सी कहना लोगों को अच्छा नहीं लगा, लिहाजा सैक्सी को क्रेजी कर दिया गया।

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