गुरुवार, 23 फ़रवरी 2012

SAIF ALI KHAN- uncivilized BAD BOY of Bollywood

मंगलवार की रात को एक NRI से मारपीट करने और उसकी नाक तोड़ देने जैसे संगीन अपराध में अभिनेता सैफ अली खान और उनके दो साथियों को मुंबई की पुलिस ने बिलकुल फ़िल्मी स्टाइल में पकड़ कर जमानत दे दी.
सवाल यह नहीं है कि सैफ के साथ सामान्य नागरिक जैसा व्यवहार क्यूँ नहीं किया गया और पुलिस के अधिकारी उनके घर से चाय पानी करके यह कहते हुए वापस चले आये कि सैफ घर में नहीं है. जबकि, जैसी खबरे हैं उसके ठीक बाद सैफ अली अपनी प्रेमिका करीना कपूर के साथ घर से निकले और कार में बैठ कर कहीं चले गए. सवाल है फिल्म स्टार्स की अपसंस्कृति का. सैफ अली खान पहले भी मारपीट और प्रतिबंधित जीव चिंकारा के शिकार के मामले मे फंसे हुए हैं. वह अति प्रतिष्ठित ताज के जिस रेस्तरां में अपनी प्रेमिका करीना कपूर, उसकी बड़ी बहन करिश्मा कपूर तथा सलमान खान की भाभी मलिका अरोरा खान और उसकी बहन तथा अपने दो दोस्तों के साथ गए थे, वहां का कोई कोड एंड conduct होता है. यूँ भी सभ्य समाज में जोर जोर से बात करना असभ्यता मानी जाती है. सैफ और उनके साथी यही असभ्यता कर रहे थे जिसके लिए इक़बाल शर्मा नाम के एन आर आई ने उन्हें टोका था और रेस्तरां के प्रबंधन से शिकायत की थी. सैफ एंड कंपनी की बदतमीजी यह थी कि उन्होंने अपनी गलती स्वीकार करने के बजाय एन आर आई से मारपीट की.
दरअसल, ज्यादातर फिल्मी लोग कम पढ़े लिखे, साधारण तबके के और ज़रुरत से ज्यादा पैसे वाले होते हैं. इन्हें अगर कुछ आता है, वह इंग्लिश बोलना आता है. इंग्लिश बोलना सुसंस्कृत होने की निशानी नहीं. हालाँकि सैफ अली खान के रक्त में टैगोर खानदान और पटौदी के नवाब की विरासत का मिश्रण है. लेकिन वह फिल्मी रंग में ज्यादा रंगे हुए हैं. कुछ लोग इसे उनकी आने वाली फिल्म एजेंट विनोद के प्रचार की गिमिक बता रहे हैं. वास्तविकता क्या है, समय बताएगा. लेकिन सैफ ने बता दिया कि सितारों से सुसंस्कृति और सभ्यता की अपेक्षा करना गलत होगा.
इस तथ्य की पुष्टि बॉक्स ऑफिस के कथित बादशाह शाहरुख़ खान भी करते हैं. उन्होंने थोड़े दिन पहले ही अपनी लम्बे समय की मित्र फराह खान के पति शिरीष कुंदर से, फराह से वह तीस मार खान में अक्षय कुमार को लिए जाने से नाराज हैं, इस बात पर मार पीट की कि वह उनकी फिल्म रा.१ की असफलता का जश्न मना रहे थे. किसी का बुरा होने पर खुश होना भी फिल्म वालों की अपसंस्कृति का एक हिस्सा है. लेकिन शाहरुख़ खान को किसी से मारपीट करने का हक किसने दे दिया? वह भी तो जब तब अपने कोस्टार्स के बारे में अंट शंट कमेंट्स publicly किसी फिल्म समारोह जैसी जगहों में देते रहते हैं. क्या शाहरुख़ खान ने तीस मार खान की असफलता का जश्न ट्विट्टर पर नहीं मनाया था.
फिल्म वालों की अपसंस्कृति के एक हालिया उदाहरण विवेक ओबेरॉय भी हैं. उन्होंने पश्चिम उत्तर प्रदेश की एक सभा में पत्रकारों के साथ मारपीट की. मजे की बात यह थी कि उन्हें इसका कोई खेद नहीं था. यह वही विवेक ओबेरॉय हैं जो कुछ साल पहले ऐश्वर्य राय के लिए telephone पर सलमान खान से गाली गलोज का आदान प्रदान कर चुके हैं. सलमान खान के तो कहने ही क्या. वह जब अपनी बड़ी गाडी में बैठते हैं तो फूटपाथ वालों को कीड़ा मकौड़ा समझते हैं. चिंकारा के शिकार के मामले में वह कई दिन जेल की हवा भी खा चुके हैं. वह कभी भी किसी के साथ मारपीट करने के आदी हैं.
तमाम खान और फिल्म अभिनेता लोगों के बीच अपनी लोकप्रियता को अपनी ताक़त समझ कर अपना दिमागी संतुलन खो बैठते हैं. वह भूल जाते हैं कि कभी राजेश खन्ना सुपर स्टार हुआ करते थे और इतने ही बददिमाग थे. आज राजेश खन्ना कहाँ हैं? फिल्म स्टार्स को यह नहीं भूलना चाहिए.

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