फ़िल्में हमेशा समाज का दर्पण होतीहैं जो कुछ समाज मे घटता है उसे ही फिल्मकार अपनी फिल्म में दिखाते हैं ऐसी ही एकफिल्म है ‘मनी देवो भव’. नाम पढ़ कर कुछ अजीब जरुर लग रहा होगा लेकिन इस फ़िल्म में निर्देशकने वही सब दिखाने कि कोशिश की जो कुछ भी देश में हो रहा है.
आज के युवा को समाज का परिवर्तकहोना चाहिए पर घोटालों के इस युग में वह स्वयं को नैतिकता और भौतिकता के बीच पिसताहुआ देख रहा है. यह फिल्म ‘मनी देवो भव” बतातीहै कि कैसे एक युवक जो पहले अपनी आत्मा की आवाज को नकार चुका है, युवाओ को जगाने के लिए एक ओनलाईन केम्पैन तैयार करता है.
फिल्म ‘मनी देवो भव’ व्यक्तिगत स्तरपर युवाओं की चाहत, नैतिकता औरभ्रष्टाचार के बीच पनप रहे असंतुलन को उजागर करती है.
फिल्म की शूटिंग दो महीने में देहरादूनमें स्टार्ट टू फिनिश हुई. अपनी फिल्म के माध्यम निर्माता अतुल पांडे एक बार फिरसमाज के कठोर चेहरे को दर्शकों के सामने रखेंगें. इनकी पिछली फिल्म “समर २००७” में उन्होंने किसानों की आत्महत्या का मुद्दाउठाया था.
फिल्म “मनी देवो भव’’ में नवोदितसितारे निखिल, नीना सरकार, रूपारेल, पूजा व अमोल पाराशर मुख्य भूमिका मे हैं. संगीतकार गौरवदासगुप्ता (फिल्म ‘दस कहानियां, चलो दिल्ली) फेम का संगीत है फिल्म में. सोनू निगम, सुनिधि चौहान और कृष्णा ने गीतों को गाया है. फिल्म की पटकथाऔर निर्देशन आनंद शिवकुमारन किया है. आनंद ने फिल्म ‘कलयुग’ की कहानी भी लिखी थी.
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