हर एक इंसान के जीवन में कोई न कोई गुरू तो होता ही है जो मार्गदर्शन कर सके. एक सच्चा गुरू ही सही पाठ पढ़ा सकता है. मुश्किलों से जूंझ्ना सिखाता है. आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित करता है. गुरू कोई भी ह्यो सकता है. जीवन के किसी भी पड़ाव पर जो उचित मार्ग दिखाए, वही गुरू होता है.
दीपिका अपने पिता प्रकाश पादुकोण जी को अपना गुरू मानती हैं. प्रकाश जी बैडमिन्टन खेल के जाने माने अनुभवी खिलाड़ी हैं. उन्होंने हमेशा से दीपिका को प्रेरित किया है. दीपिका के हर फैसले पर उनका साथ दिया है. उनका बस यही मानना था कि दीपिका जिस भी क्षेत्र में जाएँ वहां अपना नाम कमाएं. और दीपिका ने अपने पिता की इस बात को साबित करके दिखा भी दिया. आज वो बॉलीवुड की टॉप अभिनेत्रियों में आती हैं. पर सबसे महत्वपूर्ण चीज़ जो दीपिका ने अपने पिता से सीखी है वो है स्पोर्ट्समैनशिप. प्रकाश जी सदा इस बात पर अटल रहे की कॉम्पिटिशन चाहे कितना भी तगड़ा क्यूँ न हो, इंसान को इमानदारी से प्रतिस्पर्धा करना चाहिए. छल से जीतकर भले ही कोई नंबर वन बन जाये लेकिन वो कभी सफल नहीं होते हैं. इस बात को जैसे दीपिका ने अपने ज़हन में बसा लिया और भली भाँती अपने रोज़ की ज़िन्दगी में इसे लागू करती हैं.
हालाकि अगर वो अभिनेत्री नहीं बनती तो आज बैडमिन्टन की खिलाड़ी होतीं. वो बचपन से ही अपने पिता के साथ बैडमिन्टन खेलती आई हैं. उन्होंने कई टूर्नामेंट भी जीते थे. दीपिका बैडमिन्टन की बहतरीन खिलाड़ी हैं. आज भी जब कभी उन्हें वक़्त मिलता है तो वो अपने पिता के साथ बैडमिन्टन खेलना पसंद करती हैं.
दीपिका में अपने पिता जैसे ही गुण हैं. उनके पिता शुरू से अनुशासित रहे, उसी प्रकार दीपिका भी अपनी ज़िन्दगी में अनुशासन से रहना पसंद करती हैं. प्रकाश जी इतने जाने माने खिलाड़ी रह चुके हैं उसके बावजूद वो एक सरल जीवन जीने में विश्वास रखते हैं और उन्होंने दीपिका को भी यही बात सिखाई है कि भले वो कितना ही ऊंचा दर्जा क्यूँ न हासिल कर लें पर उसका घमंड कभी नहीं होना चाहिए. और दीपिका ने वाकई में अपने पिता की बातों का पालन किया है, घमंड उनके स्वाभाव में कभी नहीं आता है और वो भी सदा जीवन जीने में ही विश्वास रखती हैं.
दीपिका के पिता उनके दोस्त, भाई, गुरू सब हैं. वो कोई भी कदम उठाने के पहले उनसे सलाह ज़रूर लेती हैं. उनके पिता की राय उनके किसी भी फैसले को लेने में उनकी बहुत मदद करती है. दीपिका और उनके पिता का रिश्ता बहुत गहरा है. और वो उनका तहे दिल से सम्मान करती हैं.
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