रानी मुखर्जी की आने वाली फ़िल्म में हर कुछ बहुत निराला है और उसके गाने भी बेहद अनोखे हैं. फ़िल्म में यूँ तो सभी गाने बेहद दिलचस्प हैं लेकिन ड्रीमम वेकपम ८० के दशक की याद दिलाता है पूरी तरह से. पृथ्वीराज के संग रानी ने गाने को बखूबी निभाया है. खासतौर से ये गाना रानी ने ८० के दशक के फ़िल्म युग को समर्पित किया है. यही नहीं , इस गाने की खासियत और तब बढ़ गयी जब रानी के स्पोट बॉय P Amose ने इस गाने के कुछ शब्द लिखे और खुद गाये भी . वो तामिल नाडू का रहने वाला है और रानी के साथ कई सालों से है.
ड्रीमम वेकपम गाने के बोल हैं. ये गाना पुराने गाने जैसे ताकी रे ताकि, तोहफा तोहफा और गोरिया रे से सीधा जुड़ते हुए नज़र आते हैं. इस गीत के कोरियोग्राफर, फैशन डिज़ाईनर और आर्ट निर्देशक ने ८० के दशक की कई फिल्में देखी. खासतौर से जीतेन्द्र और मिथुन की फिल्में .उन्होनें बाकायदा हर एक चीज़ पर काफी ध्यान दिया चाहे वो डांस के स्टेप हो, कपडे हों , या सेट हो ताकि वो उसी दशक का पूरा लुक और फील दे सकें. उसी बारीकी से उन्होंने अपना काम भी किया और उसका नतीजा सबके सामने भी है. अभी के वक़्त में शायद ही किसी को ऐसे दृश्य या गीत पर काम करने मिलता है. अय्या की टीम ने इस पर काम करने का खूब लुत्फ़ उठाया . सभी को एक नया अनुभव भी मिला.
जीतेन्द्र और मिथुन जैसे इन कलाकारों की फिल्मों का जब भी ज़िक्र होता है तो उनके हट के गीत और डांस, रंग-बिरंगे सेट, उनके कपड़ों का स्टाईल भी ज़रूर याद दिलाता है. उनके गानों का थीम बहुत ही दिलचस्प होता था. उन गानों की बात ही कुछ अलग थी. और फिर से उसी ज़ोरदार तडके के साथ रानी आ गयी है सबको वापस उस युग में ले जाने. अय्या की पूरी टीम इस गाने को लेकर बेहद उत्साहित है.
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