शुक्रवार, 26 अप्रैल 2013

शराब में डूबे युवा की मौत कहानी आशिकी 2

आज आशिकी 2 देखी। कैसी लगी नहीं बताऊँगा। युवाओं की फिल्म है। मैं युवा नहीं। आशिकी 2 से जुड़े तमाम लोग युवा है। निर्देशक मोहित सूरी 32 साल के हैं। हीरो आदित्य रॉय कपूर 27 साल के हैं। हीरोइन श्रद्धा कपूर भी उनकी हम उम्र हैं। सबसे उम्र दराज़ लेखिका शगुफ्ता रफीक थीं। सिनेमा हाल में बैठे तमाम लाँड़े लौंडियाँ युवा थी। यह युवा इस लिहाज से थे कि फिल्म शुरू होते ही अर्थात सिनेमाहाल में अंधेरा छाते ही, यह उन्मुक्त जोड़े फिल्म देखने के बजाय अपने प्रेम इज़हार में मशगूल हो जाते। फिल्म एक गायक आरजे की है, जिसके सर पर सफलता चढ़ गयी है। वह शराब पीने लगता है, झगड़ा मारपीट जिसका शगल है। वह शो बीच में छोड़ सकता है। एक बार में गाते हुए उसे एक लड़की मिलती है। जो उसी के गीत को उससे अच्छा गा रही है। वह लड़की आवाज़ से प्रभावित होता है और उसे गायिका के रूप में स्थापित करने का बीड़ा उठता है और बना भी देता है। दोनों एक दूसरे को प्यार करने लगते है। वह शादी करना चाहते हैं। पर एक आदमी की बात सुन कर कि वह उस लड़की का खाएगा, उसे शराब पीकर मारेगा, लड़की उसकी उल्टियाँ साफ करेगी, लड़का लड़की की ज़िंदगी से निकाल जाना चाहता है। लड़की लाख चाहती है कि वह पीना छोड़ दे और गाना फिर शुरू कर दे। लेकिन पता नहीं क्यों वह भकुवा लौंडा किस गम में डूबा है कि शराब पीना नहीं छोड़ता। ऐसे में, जब लड़की उसको नहीं छोड़ती तो लौंडा आत्महत्या कर लेता है।
पूरी फिल्म में हाल में बैठे लड़के लड़कियां एसी का मज़ा लेते हुए एक दूसरे में जूझे हुए थे, मैं सोच रहा था कि यह हमारे देश के युवा की कहानी है! यानि अगर वह सफल होगा तो शराब पीने लगेगा, अपने काम में कोताही बरतेगा। कोई प्यार और सहारा मांगे तो देगा नहीं आत्महत्या कर लेगा। अबे साले हिंदुस्तान के युवा! तू बलात्कार करने में तेज़ है, क्योंकि तुझे महेश भट्ट और मुकेश भट्ट जैसे निर्माता मिले हैं और मोहित सूरी जैसे भटके निर्देशक। शगुफ्ता रफीक से ही ऐसी कहानी की उम्मीद की जा सकती है, जो पूर्व बार डांसर थीं। उनकी सोच कुछ दूसरी नहीं हो सकती। उनके संसार के युवा ऐसे ही पलायनवादी होते होंगे।
इसलिए, कोई शक नहीं अगर हमारे देश के युवाओं को फिल्म पसंद आ जाए। कम से कम सिनेमहल में बैठ कर मेहबूबा के साथ इत्मीनान से रोमैन्स तो किया जा सकता है। क्यों कि सिनेमाघर के अंधेरे हम्माम में सभी नंगे ही तो बैठे होते हैं।
फिल्म में उभर कर आई है पुराने जमाने के विलेन शक्ति कपूर की बेटी श्रद्धा कपूर। वह खूबसूरत भी है और टेलेंटेड भी।

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