निर्देशक सुहैल तातारी की फिल्म "अंकुर अरोरा मर्डर केस" की इन दिनों बहुत चर्चा है क्योंकि यह फिल्म एक सच्ची घटना पर आधारित है. इस फिल्म में दर्शक ऑपरेशन थिएटर से अदालत तक का सफर तय करेगें. इस फिल्म में दर्शकों को सुहैल ने यह दिखाया है कि कैसे एक डॉ की लापरवाही से एक बच्चे की ऑपरेशन टेबिल पर ही मौत हो जाती है. इस फिल्म से पहले सुहैल ने फिल्म "समर २००७" का निर्देशन किया था उनकी यह फिल्म किसानो द्वारा आत्महत्या जैसे गंभीर विषय पर आधारित फिल्म थी .
सुहैल जब भी कोई फिल्म बनाते हैं ऐसे ही गंभीर विषय पर क्यों ? पूछने पर बताते हैं कि,"हमेशा से ऐसे ही विषय मेरे दिल को छूते हैं. जो की समाज की हकीकत हों." क्या आपको लगता है कि समाज को इन फिल्मों से कोई सीख मिलेगी? इसके जवाब में सुहैल कहते हैं ,"मेरा मकसद किसी को कोई सीख देना नही है. मैं फिल्मों से जुड़ा हूँ और जो अपने स्तर पर कर सकता हूँ समाज के लिए, वो फिल्मों के माध्यम से करता हूँ." अंकुर अरोरा मर्डर केस के बारे में कुछ बताइये? "हम सभी को बीमार होने पर डॉ के पास तो जाना ही पड़ता है जिन्हें हम भगवान के बाद सबसे ज्यादा मानते हैं और वो होते हैं डॉ, लेकिन डॉ भी कैसी - कैसी लापरवाही करते हैं? यही सब हमने अपनी इस फिल्म में दिखाया है." बताते हैं सुहैल .
क्या दर्शकों को यह फिल्म पसंद आएगी? के जवाब में सुहैल कहते हैं कि," बी वी जी फिल्म्स, ए एस ए प्रोडक्शनस एंड इंटरप्राइजेज और धनराज फिल्म्स प्रा लि के बैनर में बनी इस फिल्म के निर्माता और लेखक हैं विक्रम भट्ट और फिल्म में अभिनय किया है के के मेनन, अर्जुन माथुर, टिस्का चोपड़ा, विशाखा सिंह, हर्ष छाया और पओली दाम ने . मुझे लगता है कि दर्शकों को बहुत ही पसंद आएगी और उनके दिलों को छुएगी यह फिल्म
यह फिल्म."
यह फिल्म "समर २००७" के काफी समय बाद आयी, क्या वजह रही इसकी? के जवाब में उन्होंने कहा ," क्योंकि यह फिल्म एक सच्ची घटना पर आधारित है तो ख़ासा वक्त लगा रिसर्च करने में. और फिर अच्छी फिल्म बनाने में वक्त तो लगता ही है. पूरी ईमानदारी के साथ फिल्म
बनायी है और कोशिश की है कि एक सच्ची घटना दर्शकों तक पहुंचे ."
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