मंगलवार, 2 जुलाई 2013

अनुराग कश्यप और फारूख शेख ने शुरू किया डाक्टर्स विदाउट बार्डर्स /मेडिसिन्स सैन्स फ्रन्टियर्स (एमएसएफ) का अभियान ‘हू केयर्स ?


अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सकीय मानवीय संगठन डाक्टर्स विदाउट बार्डर्स/मेडिसिन्स सैन्स फ्रन्टियर्स (एमएसएफ) ने अपना ”हू केयर्स ?” एलायंस फ्रान्से, नई दिल्ली में शुरू हुआ यह अभियान भारतीय जनता को देश-विदेश में स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के बारे में जागरूक करने के लिए आयोजित किया गया है। 
इस अवसर पर जाने-माने फिल्मकार अनुराग कश्यप और प्रसिद्ध अभिनेता फारूख शेख ने एमएसएफ के कर्मचारियों से भारत में उनकी स्वास्थ्य परियोजनाओं के बारे में बातचीत की और उनसे यह भी पूछा कि स्वास्थ्य देखभाल की जरूरत पड़ने पर वे लोगों तक कैसे पहुंचते हैं। 
इस दौरान मंच पर चर्चा के विषय रहे - एचआईवी/एड्स एवं टीबी रोगियों को उपचार उपलब्ध कराने एवं परामर्श देने, ग्रामीण बस्तियों में जच्चा-बच्चा के लिए चिकित्सा देखभाल, आपातकाल के दौरान चिकित्सा सेवाओं का प्रबंध तथा कालाजार जैसी बीमारी का इलाज जिसका बिहार में बहुत अधिक फैलाव है। 
अनुराग कश्यप का कहना है, ”कालाजार से बहुत अधिक लोगों की मृत्यु होती है, यह ऐसा रोग है जिसकी अनदेखी की जाती है जिसे प्रभावी इलाज से ठीक किया जा सकता है। यदि इसका इलाज न कराया जाए तो ज्यादातर मामलों में यह जानलेवा हो जाता है। इसीलिए हमें अनदेखी की जाने वाली इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने एवं इलाज उपलब्ध कराने के लिए एमएसएफ का समर्थन करना चाहिए।”
‘‘हू केयर्स’’ ? अभियान के अंग के रूप में एक परस्पर संवादात्मक प्रदर्शनी में दर्शक भारत और विदेशों में एमएसएफ की चिकित्सा परियोजनाओं के पीछे के हालात के बारे में जान सकेंगे। इस प्रदर्षनी के आयोजन से लोगों को विभिन्न महत्वपूर्ण चिकित्सा मुद्दों को समझाने और चुनौतीपूर्ण हालात में इन मुद्दों को कैसे संबोधित करना चाहिए यह बताने में मदद मिलेगी, जिसका आयोजन 2 जुलाई से 9 जुलाई तक एलायंस फ्रान्से डि दिल्ली में किया गया है। 
एमएसएफ इंडिया के महानिदेशक मार्टिन स्लूट का कहना है कि इस अभियान के जरिए हम भारतीय जनता को उन लोगों के जीवन से जोड़ना चाहते हैं जिनके लिए स्वास्थ्य सुविधायें बहुत सीमित या ना के बराबर हैं। एमएसएफ का मानना है कि हर एक व्यक्ति को बिना नस्ल, धर्म, लिंग या राजनीतिक दृष्टिकोण पर विचार किए, स्वास्थ्य सुविधा मिलने का अधिकार है।
2013 में ‘‘हू केयर्स’’ प्रदर्शनी दिल्ली और मुंबई के विभिन्न स्थानों की यात्रा करेगी जहां एमएसएफ के अनुभवी स्टाफ विभिन्न स्वास्थ्य आवष्यकताओं के बारे में प्रष्नों के उत्तर देने के लिए मौजूद रहेंगे तथा यह भी बताएंगे कि एमएसएफ कैसे भारत और अन्य देशों में इन आवष्यकताओं को पूरा करने में मदद कर रहा है। 
डाक्टर्स विदाउट बार्डर्स/मेडिसिन्स सैन्स फ्रन्टियर्स (एमएसएफ)
डाक्टर्स विदाउट बार्डर्स/मेडिसिन्स सैन्स फ्रन्टियर्स (एमएसएफ) अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सकीय मानवीय संगठन है जो दुनिया भर में 70 से अधिक देशों में युद्ध, महामारी और आपदाओं से पीडि़त लोगों को आपातकालीन सहायता देता है तथा उन लोगों को भी मदद उपलब्ध कराता है जिन्हें अतिआवश्यक चिकित्सा सेवाएं सुलभ नहीं है।  
हमारा मानना है कि हर किसी को स्वास्थ्य सुविधाओं का अधिकार है तथा हम नस्ल, धर्म, लिंग या राजनीतिक विचारधारा पर विचार किए बिना लोगों की मदद करते हैं। हम किसी भी विवाद में किसी का पक्ष नहीं लेते तथा जहां सबसे अधिक जरूरत हो वहां जाते हैं। अपनी स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए हम अपनी अधिकांश आय के लिए दुनिया भर से व्यक्तिगत दान पर निर्भर हैं। 
एमएसएफ भारत में 1999 से काम कर रहा है तथा बिहार, मणिपुर, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और नगालैंड में सबसे अधिक जरूरतमंद लोगों को आवश्यक स्वास्थ्य सुविधा निशुल्क उपलब्ध करा रहा है।1996 में एमएसएफ को षांति, निरस्त्रीकरण और विकास के लिए इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार दिया गया तथा 1999 में एमएसएफ को नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 

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