गुरुवार, 5 मई 2016

बुद्धा इन ट्रैफिक जैम में पल्लवी जोशी की आवाज़ सुनो

अमजद खान की फिल्म दादा (१९७९) की अंधी बच्ची मुन्नी और राज बब्बर की अँधा युद्ध (१९८७) की अपाहिज सरोज की याद होगी।  इसी अभिनेत्री ने अगले साल प्रदर्शित नव्येन्दु घोष की फिल्म तृषाग्नि (१९८८)  में पूरी तरह से नग्न स्नान दृश्य करके तहलका मच दिया था।  इस विवादित  शोहरत के बावजूद पल्लवी जोशी बड़ी फिल्म की नायिका नहीं बन सकी।  फिल्मों कुछ छोटी बड़ी भूमिकाओं में आने के बाद उन्होंने टीवी सीरीज की ओर रुख किया। अब वह कोई २० साल बाद बॉलीवुड में वापसी कर रही हैं।   फिल्म है विवेक  अग्निहोत्री निर्देशित फिल्म बुद्धा इन ट्रैफिक जैम।  विवेक अग्निहोत्री की पत्नी हैं पल्लवी जोशी, लेकिन केवल इस लिये  उन्हें फिल्म में गाने का मौका नहीं मिला है।  पल्लवी जोशी पिछले सात सालों से संगीत पर आधारित शो कर रही हैं।  इस समय उन्हें टीवी पर लता मंगेशकर और आशा भोसले पर आधारित कल्पनिक शो मेरी आवाज़ ही पहचान है में दोनों बहनों की माँ के किरदार में देखा जा रहा है।  पोलिटिकल ड्रामा फिल्म बुद्धा इन ट्रैफिक जैम में पल्लवी जोशी ने फैज़ अहमद फैज़ की ग़ज़ल चाँद रोज़ गाई है।  इस ग़ज़ल को गाने के अपने अनुभव को साझा करती हुई पल्लवी, कहती हैं, "इस गीत में तकनीकी सपोर्ट नहीं लिया गया है।  गीत में हारमोनियम के अलावा किसी ख़ास वाद्य यन्त्र  का उपयोग नहीं किया गया।  लेकिन, इस गीत को गाने के  लिए मुझे फीस नहीं दी गई।  मुझसे मुफ्त गवाया गया।"    

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