कभी किसी पॉपूलर सीरियल का कोई पॉपूलर चेहरा यकायक गायब हो जाता है या मार दिया जाता है। दर्शक बेचैन हो उठता है उसकी नामौजूदगी से। इधर कई पॉपुलर चेहरे टीवी सीरियल की कहानियों में मार दिए गए या कहीं बाहर चले गए। साथ निभाना साथियां में अहम् का किरदार निभाने वाले अभिनेता मोहम्मद नाज़िम और यह रिश्ता क्या कहलाता है में नैतिक का किरदार निभाने वाले करण मेहरा गायब कर दिए गए। यह दोनों पिछले ६-७ साल से अपने शो के पॉपुलर चेहरे थे। इस कड़ी में इश्क़ का रंग सफ़ेद की धानी ईशा सिंह और टशन ए इश्क़ कुंज सिद्धांत गुप्ता के नामों को भी शामिल किया जा सकता है। यह सितारे यकायक क्यों गायब हो गए टीवी स्क्रीन से ! बेशक, दूसरा अच्छा मौका ही पहला कारण था। हालाँकि, करण मेहरा जैसे एक्टर ने खुद के बीमार होने का हवाला देते हुए शो छोड़ा था। लेकिन आजकल वह बिग बॉस के घर के सदस्य बने नज़र आते हैं। आइये जाने ऐसे ही कुछ नामों और उनसे जुड़े चेहरों को।
डांस के लिए टशन ए इश्क़ छोड़ा सिद्धांत गुप्ता ने
सिद्धांत गुप्ता ने ज़ी टीवी के सीरियल टशन ए इश्क़ से ही टीवी डेब्यू किया था। इस सीरियल में उन्होंने कुञ्ज का किरदार किया था। दर्शकों ने ट्विंकल जास्मिन भसीन के साथ उनकी केमिस्ट्री को काफी पसंद भी किया था। लेकिन सिद्धांत की निगाहें पहले ही दिन से किसी अच्छे मौके की तलाश में थी। सिद्धांत अच्छे डांसर हैं। डांस उनका शौक है। इसलिए उन्हें जैसे ही झलक दिखला जा का ऑफर मिला, उन्होंने टशन ए इश्क़ छोड़ने में कोई देर नहीं की। उनई जगह नमन शॉ आ गए।
खराब स्वास्थ्य के बहाने
यह रिश्ता क्या कहलाता है के करण मेहरा ने कोई सात साल तक स्टार टीवी के इस सीरियल में नमन के रूप में एक पति, एक बेटे और एक पिता के भिन्न रूपों से दर्शकों को प्रभावित किया था। सीरियल की 'अक्षरा' हिना खान के साथ उनकी जोड़ी ने काफी अवार्ड्स जीते। इसके बावजूद करण मेहरा ने खराब स्वास्थ्य का बहाना बनाया। अपनी बीवी से इमोशनल पत्र लिखवाए और एक दिन वह सीरियल छोड़ कर चल दिए। हालाँकि प्रोड्यूसर उन्हें बनाये रहना चाहते थे। टीवी पर नदारदगी के कुछ समय बाद करण मेहरा बिग बॉस सीजन १० में नज़र आने लगे। उनकी जगह विशाल सिंह ने ले ली। भाबी जी घर पर है में भाभी जी के रूप में मशहूर शिल्पा शिंदे को शोहरत रास नहीं आई। वह अपने सीरियल के निर्माताओं से अधिक मानदेय की मांग करने लगी। उन्होंने परेशान किये जाने का आरोप भी लगाया। यह मामला सिने एंड टेलीविज़न आर्टिस्ट्स एसोसिएशन के पास भी पहुंचा। एसोसिएशन ने प्रोड्यूसर के पक्ष में फैसला दिया। परंतु शिल्पा शिंदे बिमारी के बहाने भाबी जी घर पर हैं के सेट पर नहीं पहुंची। निर्माताओं के उन्हें कानूनी नोटिस का भी कोई नतीजा नहीं निकाला। बाद में शिल्पा की जगह शुभांगी अत्रे आ गई। अब यह बात दीगर है कि कानूनी लफड़े को भांप कर शिल्पा को द कपिल शर्मा शो में भी जगह नहीं मिली।
फिल्मों के लिए सीरियल छोड़ा
सिद्धांत गुप्ता ने ज़ी टीवी के सीरियल टशन ए इश्क़ से ही टीवी डेब्यू किया था। इस सीरियल में उन्होंने कुञ्ज का किरदार किया था। दर्शकों ने ट्विंकल जास्मिन भसीन के साथ उनकी केमिस्ट्री को काफी पसंद भी किया था। लेकिन सिद्धांत की निगाहें पहले ही दिन से किसी अच्छे मौके की तलाश में थी। सिद्धांत अच्छे डांसर हैं। डांस उनका शौक है। इसलिए उन्हें जैसे ही झलक दिखला जा का ऑफर मिला, उन्होंने टशन ए इश्क़ छोड़ने में कोई देर नहीं की। उनई जगह नमन शॉ आ गए।
खराब स्वास्थ्य के बहाने
यह रिश्ता क्या कहलाता है के करण मेहरा ने कोई सात साल तक स्टार टीवी के इस सीरियल में नमन के रूप में एक पति, एक बेटे और एक पिता के भिन्न रूपों से दर्शकों को प्रभावित किया था। सीरियल की 'अक्षरा' हिना खान के साथ उनकी जोड़ी ने काफी अवार्ड्स जीते। इसके बावजूद करण मेहरा ने खराब स्वास्थ्य का बहाना बनाया। अपनी बीवी से इमोशनल पत्र लिखवाए और एक दिन वह सीरियल छोड़ कर चल दिए। हालाँकि प्रोड्यूसर उन्हें बनाये रहना चाहते थे। टीवी पर नदारदगी के कुछ समय बाद करण मेहरा बिग बॉस सीजन १० में नज़र आने लगे। उनकी जगह विशाल सिंह ने ले ली। भाबी जी घर पर है में भाभी जी के रूप में मशहूर शिल्पा शिंदे को शोहरत रास नहीं आई। वह अपने सीरियल के निर्माताओं से अधिक मानदेय की मांग करने लगी। उन्होंने परेशान किये जाने का आरोप भी लगाया। यह मामला सिने एंड टेलीविज़न आर्टिस्ट्स एसोसिएशन के पास भी पहुंचा। एसोसिएशन ने प्रोड्यूसर के पक्ष में फैसला दिया। परंतु शिल्पा शिंदे बिमारी के बहाने भाबी जी घर पर हैं के सेट पर नहीं पहुंची। निर्माताओं के उन्हें कानूनी नोटिस का भी कोई नतीजा नहीं निकाला। बाद में शिल्पा की जगह शुभांगी अत्रे आ गई। अब यह बात दीगर है कि कानूनी लफड़े को भांप कर शिल्पा को द कपिल शर्मा शो में भी जगह नहीं मिली।
फिल्मों के लिए सीरियल छोड़ा
कभी कोई कलाकार फिल्म करने के लालच में आ कर अपने पॉपुलर सीरियल को छोड़ देता है। ससुराल सिमर का की अविका गोर ने दक्षिण की फिल्मों के लिए सीरियल छोड़ दिया। सीरियल बालिका बधु की बाल कलाकार आनंदी के बतौर ख्यात अविका गोर को सीरियल ससुराल सिमर का की रोली के तौर पर भी काफी शोहरत मिली। इसी के नतीजे पर उन्हें दक्षिण की फिल्मों के प्रस्ताव भी मिलने लगे। दक्षिण की फिल्मों में पैसों के मोह ने अविका को सीरियल से सोचा समझा ब्रेक लेने को मज़बूर कर दिया। उनकी जगह मानसी श्रीवास्तव आ गई। अविका के अलावा देवों के देव महादेव में पार्वती का किरदार करने वाली सोनारिका भदौरिया ने भी दक्षिण की फिल्मों के लिए अपने मशहूर सीरियल देवों के देव महादेव को छोड़ दिया। इसके लिए सोनारिका ने खूब पापड़ बेले। पुरस्कार समारोहों में अंग प्रदर्शक पोशाकें पहन कर खुद को पार्वती के लिए अयोग्य जताने की कोशिश की। सोनारिका की दक्षिण के बाद एक हिंदी हॉरर फिल्म साँसे द लास्ट ब्रेथ २५ नवम्बर को रिलीज़ होने जा रही है। अविका की तरह मोहम्मद नाज़िम ने भी पंजाबी फिल्म बिग डैडी के लिए सीरियल साथ निभाना साथिया के अहम के अहम् किरदार को भी अहमियत नहीं दी। बाद में उन्होंने इस सीरियल में वापसी की। चूंकि, उनके अहम् के किरदार को मार दिया गया था। इसलिये नाज़िम को जग्गी के किरदार में वापसी मिली।
माँ नहीं बनना चाहती थी
कुछ कलाकार माता पिता का ऑन स्क्रीन किरदार नहीं करना चाहते थे। इसलिए उन्होंने अपने पॉपुलर सीरियल के पॉपुलर किरदार को छोड़ने में देर नहीं की। एक विधवा धानी के किरदार में सीरियल इश्क़ का रंग सफ़ेद की ईशा सिंह ने दर्शकों के दिलों में जगह बना ली थी। धनी घर के विप्लव की इस गरीब विधवा से शादी की कहानी में पांच साल की छलांग आई थी। धानी और विप्लव माता-पिता बन गए हैं। ईशा सिंह को माँ बनना रास नहीं आया। क्योंकि वह अभी सिर्फ १८ साल की हैं। इसलिए ईशा सिंह ने लोकप्रियता के बावजूद इश्क़ का रंग सफ़ेद को अलविदा कह दिया। अब धानी के किरदार में संजीदा शेख नज़र आ रही हैं। जबकि ईशा सिंह एक था राजा एक थी रानी के दूसरे सीजन में दृष्टि धामी के रानी गायत्री के किरदार को कर रही हैं।
एक था राजा एक थी रानी की दृष्टि धामी- दृष्टि धामी को एक था राजा एक थी रानी छोड़ना सीरियल के लिहाज़ से ठीक नहीं रहा। एक था राजा एक थी रानी में ट्विस्ट एंड टर्न की भरमार थी। इसके बावजूद सीरियल दर्शकों को बहुत आकर्षित नहीं कर पा रहा था। सीरियल में दृष्टि धामी रानी गायत्री का किरदार कर रही थी। मेकर्स ने सीरियल को बचाने के ख्याल से इसमे लीप डाली। गायत्री को अब माँ बन जाना है। दृष्टि धामी को इतनी जल्दी माँ बनाना पसंद नहीं आया। उन्होंने सीरियल को अलविदा कह दिया। सीरियल निर्माताओं ने दृष्टि के हीरो सिद्धांत कार्णिक के किरदार को भी ख़तम कर दिया। एक नई कहानी के साथ सीरियल को सीजन २ में शुरू किया गया। इसी सीजन में रानी गायत्री के किरदार में ईशा सिंह आ गई। दृष्टि धामी को आजकल परदेस में है मेरा दिल में नैना बत्रा के किरदार में देखा जा सकता है।
याद आते हैं टीवी सीरियलो के कई पॉपुलर चेहरे, जिन्होंने सीरियलो के अपने चरित्र की सफलता को अपनी सफलता समझ कर नखरे दिखाने शुरू किये थे। इनमे क्योंकि सास भी कभी बहु थी के अमर उपाध्याय ख़ास उल्लेखनीय हैं। उन्होंने तुलसी विरानी के किरदार के इर्द गिर्द घूमते इस सीरियल में अपने मिहिर विरानी के किरदार की सफलता को अपनी सफलता समझने की भयंकर भूल की थी। वह फिल्म का हीरो बनाने के सपने बांधने लगे। फिल्म मिली भी श्याम रामसे निर्देशित हॉरर फिल्म धुंध द फोग में वह अदिति गोवत्रीकर के नायक थे। फिल्म बुरी तरह से फ्लॉप हुई। अमर उपाध्याय के सर से फिल्मों का नशा उत्तर गया। शायद इसीलिए साथ निभाना साथिया के मोहम्मद नाज़िम ने अपनी गलती कासुधार कर लिया। वह पंजाबी फिल्म बिग डैडी के हीरो बनाने के लिए साथ निभाना साथिया के अहम् के किरदार को छोड़ कर चले गए थे। उन्होंने बिग डैडी की शूटिंग के बाद सीरियल में वापसी की कोशिश की। लेकिन उस समय तक अहम् के किरदार की मौत हो चुकी थी। नाज़िम को जग्गी के नए किरदार में ही वापस लिया गया। लेकिन उनमे अब वह बात नज़र नहीं आती।
माँ नहीं बनना चाहती थी
कुछ कलाकार माता पिता का ऑन स्क्रीन किरदार नहीं करना चाहते थे। इसलिए उन्होंने अपने पॉपुलर सीरियल के पॉपुलर किरदार को छोड़ने में देर नहीं की। एक विधवा धानी के किरदार में सीरियल इश्क़ का रंग सफ़ेद की ईशा सिंह ने दर्शकों के दिलों में जगह बना ली थी। धनी घर के विप्लव की इस गरीब विधवा से शादी की कहानी में पांच साल की छलांग आई थी। धानी और विप्लव माता-पिता बन गए हैं। ईशा सिंह को माँ बनना रास नहीं आया। क्योंकि वह अभी सिर्फ १८ साल की हैं। इसलिए ईशा सिंह ने लोकप्रियता के बावजूद इश्क़ का रंग सफ़ेद को अलविदा कह दिया। अब धानी के किरदार में संजीदा शेख नज़र आ रही हैं। जबकि ईशा सिंह एक था राजा एक थी रानी के दूसरे सीजन में दृष्टि धामी के रानी गायत्री के किरदार को कर रही हैं।
एक था राजा एक थी रानी की दृष्टि धामी- दृष्टि धामी को एक था राजा एक थी रानी छोड़ना सीरियल के लिहाज़ से ठीक नहीं रहा। एक था राजा एक थी रानी में ट्विस्ट एंड टर्न की भरमार थी। इसके बावजूद सीरियल दर्शकों को बहुत आकर्षित नहीं कर पा रहा था। सीरियल में दृष्टि धामी रानी गायत्री का किरदार कर रही थी। मेकर्स ने सीरियल को बचाने के ख्याल से इसमे लीप डाली। गायत्री को अब माँ बन जाना है। दृष्टि धामी को इतनी जल्दी माँ बनाना पसंद नहीं आया। उन्होंने सीरियल को अलविदा कह दिया। सीरियल निर्माताओं ने दृष्टि के हीरो सिद्धांत कार्णिक के किरदार को भी ख़तम कर दिया। एक नई कहानी के साथ सीरियल को सीजन २ में शुरू किया गया। इसी सीजन में रानी गायत्री के किरदार में ईशा सिंह आ गई। दृष्टि धामी को आजकल परदेस में है मेरा दिल में नैना बत्रा के किरदार में देखा जा सकता है।
याद आते हैं टीवी सीरियलो के कई पॉपुलर चेहरे, जिन्होंने सीरियलो के अपने चरित्र की सफलता को अपनी सफलता समझ कर नखरे दिखाने शुरू किये थे। इनमे क्योंकि सास भी कभी बहु थी के अमर उपाध्याय ख़ास उल्लेखनीय हैं। उन्होंने तुलसी विरानी के किरदार के इर्द गिर्द घूमते इस सीरियल में अपने मिहिर विरानी के किरदार की सफलता को अपनी सफलता समझने की भयंकर भूल की थी। वह फिल्म का हीरो बनाने के सपने बांधने लगे। फिल्म मिली भी श्याम रामसे निर्देशित हॉरर फिल्म धुंध द फोग में वह अदिति गोवत्रीकर के नायक थे। फिल्म बुरी तरह से फ्लॉप हुई। अमर उपाध्याय के सर से फिल्मों का नशा उत्तर गया। शायद इसीलिए साथ निभाना साथिया के मोहम्मद नाज़िम ने अपनी गलती कासुधार कर लिया। वह पंजाबी फिल्म बिग डैडी के हीरो बनाने के लिए साथ निभाना साथिया के अहम् के किरदार को छोड़ कर चले गए थे। उन्होंने बिग डैडी की शूटिंग के बाद सीरियल में वापसी की कोशिश की। लेकिन उस समय तक अहम् के किरदार की मौत हो चुकी थी। नाज़िम को जग्गी के नए किरदार में ही वापस लिया गया। लेकिन उनमे अब वह बात नज़र नहीं आती।
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