बुधवार, 31 मई 2017

स्ट्राँग वीमेन करैक्टर वाली थ्रिलर फिल्मों के राज खोसला

राज खोसला को थ्रिलर फिल्मों का महारथी निर्देशक माना जाता है।  लेकिन, उनकी फिल्मों के  महिला चरित्र काफी स्ट्रांग हुआ करते थे। उन्हें महिला चरित्रों को समझाने वाला डायरेक्टर माना जाता  था। फिल्म सीआईडी में वहीदा रहमान एक छोटे  वंपिश किरदार में थी।  यह वहीदा रहमान की पहली फिल्म थी।  होना तो यह चाहिए था कि वहीदा रहमान हिंदी फिल्मों की वैम्प बन जाती।  लेकिन, राज खोसला ने इस चरित्र को कुछ इतना स्ट्रांग लिखा था, करैक्टर की मज़बूरियों को कुछ इस प्रकार उभरा था  कि वहीदा रहमान हीरोइन पर भारी पड़ी। राज खोसला की अगली फिल्म सोलहवा साल में वहीदा रहमान देव आनंद की नायिका थी।  फिल्म की नायिका अपने प्रेमी के लिए घर छोड़ देती है।  पर उसका प्रेमी उसे छोड़ का भाग खड़ा होता है।  यह किरदार भी वहीदा के करियर पर भारी पड़ सकता था।  लेकिन, खोसला के विज़न ने इस नायिका को खल नायिका बनने से  बचा लिया।  राज खोसला ने थ्रिलर शैली में फ़िल्में बनाई।  मगर, इन सभी फिल्मों में नायिकाएं मज़बूत थी।  बॉम्बे का बाबू की सुचित्रा सेन, एक मुसाफिर, वह कौन थी और अनीता में साधना, मेरा साया, दो बदन, मेरा गाँव मेरा देश और चिराग की आशा पारेख और दो रास्ते और प्रेम कहानी की मुमताज़ के चरित्र अपने नायकों पर भारी नहीं पड़ते थे तो किसी भी प्रकार से कम नहीं थे ।  मैं तुलसी तेरे आँगन की ने नूतन को फिल्मफेयर में बेस्ट फिल्म एक्ट्रेस का अवार्ड जिताया।  राज खोसला इंडस्ट्री में पार्श्व गायक बनाने आये थे।  उन्होंने गुरु दत्त के सहायक के बतौर निर्देशन सीखा।  गुरु दत्त ने ही उन्हें स्वतंत्र रूप से निर्देशन का काम सौंपा।  देव आनंद और गीता बाली की फिल्म मिलाप उनकी पहली निर्देशित फिल्म थी, जो फ्लॉप हुई थी।  राज खोसला के थ्रिलर फिल्म बनाने की शैली बिलकुल भिन्न थी।  वह हर फिल्म में अपनी स्टाइल भिन्न कर देते थे।  उनका किसी शॉट को लेने लेने का तरीका काफी स्टाइलिस्ट हुआ करता था।  उनकी फिल्मों के गीतों के फिल्मांकन का तरीका बहुत प्रभावशाली था।  कोई भी गीत कहानी को आगे बढाने वाला हुआ करता था। यह उन्होंने गुरु दत्त से सीखा था।  राज खोसला का जन्म ३१ मई १९२५ को हुआ था।  उनकी मृत्यु ९ जून  १९९१ को हुई। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Actors who aced the Anti-Hero roles on screen

  Bollywood has always loved its heroes, but it's the anti-heroes, the flawed, unpredictable, and dangerous ones, who often steal the sh...