अमिताभ बच्चन के कथित सुपरस्टारडम के पीछे दो फिल्म निर्माता निर्देशकों की फिल्मों का ख़ास योगदान है। यह दो निर्माता हैं प्रकाश मेहरा और मनमोहन देसाई। प्रकाश मेहरा की फिल्म ज़ंजीर ने लगातार फ्लॉप फिल्म दे रहे अमिताभ बच्चन के पैर फिल्म इंडस्ट्री में जमा दिए। उनका एंग्री यंग मैन बॉलीवुड फिल्मों की कहानियों के इमोशनल नायकों पर भारी पड़ने लगा। ज़ंजीर के चार साल बाद, मनमोहन देसाई ने अमिताभ बच्चन को लेकर अपनी पहली फिल्म अमर अकबर अन्थोनी बनाई। इसके बाद इन दोनों फिल्मकारों ने अमिताभ बच्चन के साथ परवरिश, सुहाग, नसीब, देश प्रेमी, कुली, मर्द, हेरा फेरी, मुकद्दर का सिकंदर, लावारिस, नमक हलाल और शराबी जैसी सुपर हिट फ़िल्में बनाई। इन फिल्मों ने अमिताभ बच्चन को सुपर स्टार, मेगा स्टार, वन मैन इंडस्ट्री जैसे न जाने कितने खिताब दिलवाए। लेकिन, इन दोनों ही फिल्मकारों का करियर अमिताभ बच्चन के साथ फ्लॉप फिल्मे देने के साथ ही ख़त्म हो गया। पहले मिडास टच रखने वाले मनमोहन देसाई गए। उनकी अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म गंगा जमुना सरस्वती २९ दिसंबर १९८८ को रिलीज़ हुई। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन के साथ मिथुन चक्रवर्ती, मीनाक्षी शेषाद्रि, जयाप्रदा, अमरीश पूरी और निरूपा राय भी साथ दे रहे थे। उस समय मिथुन चक्रवर्ती अपने डांस के कारण
भारतीय माइकल जैक्सन बने हुए थे। उम्मीद की जाती थी कि यह स्टार कास्ट एक सफल फिल्म देगी। फिर तीन साल पहले ही तो मनमोहन देसाई ने कुली जैसी हिट फिल्म दी थी। लेकिन, हुआ बिलकुल उल्टा। यह फिल्म पूरे हिंदुस्तान में २७० थिएटरों में रिलीज़ हुई। लेकिन, दो हफ़्तों में ही बॉक्स ऑफिस ने फिल्म के धराशाई होने का ऐलान कर दिया। गंगा जमुना सरस्वती ने जहाँ पहले हफ्ते में १२.७६ लाख के कलेक्शन के साथ ९५ प्रतिशत की दर्शक संख्या बटोरी। वहीँ दूसरे हफ्ते में यह फिल्म २८ प्रतिशत की दर्शक संख्या में आ गई। उस समय किसी फिल्म के लिए आठ हफ़्तों तक ७५ प्रतिशत बिज़नेस करना ज़रूरी होता था, ताकि हिट का टैग मिल सके। १९८९ अमिताभ बच्चन, प्रकाश मेहरा और मनमोहन देसाई के करियर के लिए खतरनाक साबित हुआ। इस साल मनमोहन देसाई के बैनर की फिल्म तूफ़ान और प्रकाश मेहरा की फिल्म जादूगर रिलीज़ हुई। कहा जाता है कि जादूगर और तूफ़ान एक ही दिन रिलीज़ हुई थी। लेकिन, वास्तविकता यह नहीं है। तूफ़ान ३ जुलाई १९८९ को रिलीज़ हुई, जबकि जादूगर २५ अगस्त १९८९ को रिलीज़ हुई थी। लेकिन, बॉक्स ऑफिस पर दोनों का हश्र एक सा हुआ। यह दोनों फ़िल्में काफी बड़ी और दर्शकों की नब्ज़ पहचानने वाले फिल्मकारों की फ़िल्में थी। हालाँकि, तूफ़ान के डायरेक्टर मनमोहन देसाई नहीं थे। इस फिल्म का डायरेक्शन मनमोहन देसाई के बेटे केतन देसाई कर रहे थे, जिनका फिल्म अल्लाह रक्खा से फ्लॉप डेब्यू हुआ था। उम्मीद की जा रही थी कि तूफ़ान केतन का करियर संवार देगी। लेकिन यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह जा गिरी। इसके बाद जादूगर रिलीज़ हुई। जादूगर उस प्रकाश मेहरा की फिल्म थी, जिसने अमिताभ बच्चन के साथ शराबी जैसी हिट फिल्म बनाई थी। लेकिन, प्रकाश मेहरा और अमिताभ बच्चन की जोड़ी का जादू नहीं चला। जादूगर भी बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से असफल ही। गंगा जमुना सरस्वती और तूफ़ान के बाद जादूगर अमिताभ बच्चन की तीसरी बड़ी असफलता थी। इस फिल्म के फ्लॉप होने के बाद अमिताभ बच्चन का करियर ख़त्म मान लिया गया था। मैं आज़ाद हूँ की असफलता ने इसकी पुष्टि जैसी कर दी थी। अब यह बात दीगर है कि आज का अर्जुन और हम ने अमिताभ बच्चन के करियर को नई दिशाएं दे दी। लेकिन, उन्हें सुपर स्टार बनाने वाले प्रकाश मेहरा और मनमोहन देसाई का फिल्म करियर बिलकुल ख़त्म हो गया।
भारतीय माइकल जैक्सन बने हुए थे। उम्मीद की जाती थी कि यह स्टार कास्ट एक सफल फिल्म देगी। फिर तीन साल पहले ही तो मनमोहन देसाई ने कुली जैसी हिट फिल्म दी थी। लेकिन, हुआ बिलकुल उल्टा। यह फिल्म पूरे हिंदुस्तान में २७० थिएटरों में रिलीज़ हुई। लेकिन, दो हफ़्तों में ही बॉक्स ऑफिस ने फिल्म के धराशाई होने का ऐलान कर दिया। गंगा जमुना सरस्वती ने जहाँ पहले हफ्ते में १२.७६ लाख के कलेक्शन के साथ ९५ प्रतिशत की दर्शक संख्या बटोरी। वहीँ दूसरे हफ्ते में यह फिल्म २८ प्रतिशत की दर्शक संख्या में आ गई। उस समय किसी फिल्म के लिए आठ हफ़्तों तक ७५ प्रतिशत बिज़नेस करना ज़रूरी होता था, ताकि हिट का टैग मिल सके। १९८९ अमिताभ बच्चन, प्रकाश मेहरा और मनमोहन देसाई के करियर के लिए खतरनाक साबित हुआ। इस साल मनमोहन देसाई के बैनर की फिल्म तूफ़ान और प्रकाश मेहरा की फिल्म जादूगर रिलीज़ हुई। कहा जाता है कि जादूगर और तूफ़ान एक ही दिन रिलीज़ हुई थी। लेकिन, वास्तविकता यह नहीं है। तूफ़ान ३ जुलाई १९८९ को रिलीज़ हुई, जबकि जादूगर २५ अगस्त १९८९ को रिलीज़ हुई थी। लेकिन, बॉक्स ऑफिस पर दोनों का हश्र एक सा हुआ। यह दोनों फ़िल्में काफी बड़ी और दर्शकों की नब्ज़ पहचानने वाले फिल्मकारों की फ़िल्में थी। हालाँकि, तूफ़ान के डायरेक्टर मनमोहन देसाई नहीं थे। इस फिल्म का डायरेक्शन मनमोहन देसाई के बेटे केतन देसाई कर रहे थे, जिनका फिल्म अल्लाह रक्खा से फ्लॉप डेब्यू हुआ था। उम्मीद की जा रही थी कि तूफ़ान केतन का करियर संवार देगी। लेकिन यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह जा गिरी। इसके बाद जादूगर रिलीज़ हुई। जादूगर उस प्रकाश मेहरा की फिल्म थी, जिसने अमिताभ बच्चन के साथ शराबी जैसी हिट फिल्म बनाई थी। लेकिन, प्रकाश मेहरा और अमिताभ बच्चन की जोड़ी का जादू नहीं चला। जादूगर भी बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से असफल ही। गंगा जमुना सरस्वती और तूफ़ान के बाद जादूगर अमिताभ बच्चन की तीसरी बड़ी असफलता थी। इस फिल्म के फ्लॉप होने के बाद अमिताभ बच्चन का करियर ख़त्म मान लिया गया था। मैं आज़ाद हूँ की असफलता ने इसकी पुष्टि जैसी कर दी थी। अब यह बात दीगर है कि आज का अर्जुन और हम ने अमिताभ बच्चन के करियर को नई दिशाएं दे दी। लेकिन, उन्हें सुपर स्टार बनाने वाले प्रकाश मेहरा और मनमोहन देसाई का फिल्म करियर बिलकुल ख़त्म हो गया।
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